पंत को सपोर्ट करने की जरूरत, कप्तान के तौर पर विराट का काम अब भी जारी : नेहरा
पूर्व क्रिकेटर आशीष नेहरा का मानना है कि टीम प्रबंधन को रिषभ पंत को लंबा समर्थन देने की जरूरत है।
महेंद्र सिंह धोनी लंबे समय से क्रिकेट से दूर हैं और आईपीएल 2020 के अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने से मैदान पर उनकी वापसी का इंतजार बढ़ गया है। ऐसे में कई लोग युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को उनके उत्तराधिकारी के तौर पर देख रहे हैं। हालांकि पंत की हालिया फॉर्म को देखते हुए कुछ लोगों का मानना है कि युवा विकेटकीपर बल्लेबाज को धोनी का उत्तराधिकारी कहना थोड़ा जल्दबाजी होगा। इस बारें में अब पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज आशीष नेहरा ने बयान दिया है। नेहरा का मानना है कि टीम प्रबंधन को पंत को लंबा समर्थन देने की जरूरत है।
नेहरा ने पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा के आकाशवाणी कार्यक्रम में कहा, "टीम में कई सारे प्रतिभाशाली युवा क्रिकेटर हैं और उन्हें लंबे समय तक समर्थन देना चाहिए। आज हम वनडे में नंबर पांच और नंबर छह स्थान पर बल्लेबाजी की बात करते हैं, जिसे लेकर हम निश्चित नहीं हैं।"
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उन्होंने कहा, "लोकेश राहुल पांचवें नंबर पर खेल रहे हैं और पंत, वह व्यक्ति जिसे हम धोनी के उत्तराधिकारी के तौर पर तैयार कर रहे हैं, वह पानी पिला रहे हैं।" नेहरा ने कहा, "मुझे पता है कि उन्होंने अपने मौके गंवाए हैं। लेकिन तब भी आपको उन्हें टीम में रखना होगा क्योंकि 22-23 साल की उम्र में ही आप उनमें उनकी क्षमता देख चुके हैं।"
पूर्व तेज गेंदबाज ने कोहली की कप्तानी को लेकर अभी अपने विचार दिए। उनका मानना है कि विराट की कप्तानी में अभी भी काम जारी है। नेहरा ने कहा, "विराट कोहली को एक खिलाड़ी के तौर पर किसी पहचान की जरूरत नहीं है क्योंकि उनका ग्राफ सबकुछ दिखा देता है।" उन्होंने कहा, " खिलाड़ी के तौर पर विराट शानदार काम कर चुके हैं, लेकिन मुझे लगता है कि कप्तानी के तौर पर उनका काम अभी भी जारी हैं मुझे लगता है कप्तान के तौर पर वो थोड़ा जल्दबाजी में फैसला लेने वाले खिलाड़ी हैं।"
इस बातचीत के दौरान आशीष नेहरा ने कहा कि मौजूदा भारतीय टीम को ऑस्ट्रेलिया की 2000 दशक की टीम के बराबर नहीं माना जा सकता है क्योंकि वहां तक पहुंचने के लिए टीम इंडिया को अभी लंबा रास्ता तय करना होगा। नेहरा ने कहा, ‘‘इस भारतीय टीम को उस ऑस्ट्रेलियाई टीम (स्टीव वॉ और फिर रिकी पोंटिंग की कप्तानी वाली) की बराबरी करने के लिये काफी दूरी तय करनी होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप ऑस्ट्रेलियाई टीम के बारे में बात कर रहे हो जिसने लगातार तीन विश्व कप जीते थे और फिर 1996 के फाइनल में पहुंची थी, उसने घरेलू और विदेशी सरजमीं पर 18-19 टेस्ट मैच जीते थे। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है कि यह भारतीय टीम वहां तक नहीं पहुंच सकती लेकिन मेरा मानना है कि कोर ग्रुप बहुत अहम है। कोई भी आदमी अगर टेबल पर बहुत सारे पकवान देखेगा तो वह असमंजस में पड़ जायेगा इसलिये सबसे महत्वपूर्ण चीज है कम लेकिन बेहतर पकवान होना।’’
(With IANS and PTI Inputs)