चेन्नई। भारतीय सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने कहा कि वह अपने दिमाग में बहुत स्पष्ट थे क्योंकि अगर स्वीप शॉट खेलते हुए जरा सा भी संदेह आया तो टर्न होने वाली पिच में यह काफी मुश्किलों भरा हो सकता था। सचिन तेंदुलकर की 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ खेली गयी 136 रन की शानदार पारी के बाद चेपॉक पर इतने शानदार स्वीप शॉट देखने को मिले और रोहित ने उस पिच पर अपनी टीम को बेहतरीन स्थिति में पहुंचा दिया जो तेजी से खराब हो रही है।
इंग्लैंड को आगे मुश्किलों का सामना करना होगा। रोहित ने दिन का खेल समाप्त होने के बाद कहा, ‘‘देर होने से पहले, आप वो काम शुरू कर दो जो आप करना चाहते हो और आप इसमें प्रयोगात्मक नहीं हो सकते। अगर आप स्वीप करना चाहते हो तो आप स्वीप करो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम जानते थे कि पिच कैसे तैयार की गयी है और हम जानते थे कि यह टर्न होगी। इसलिये हमने आज से पहले कुछ अच्छे ट्रेनिंग सत्र किये और जिन परिस्थितियों की उम्मीद थी, उसे देखते हुए उसी हिसाब से ट्रेनिंग की।’’
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रोहित ने कहा, ‘‘जब आप टर्निंग पिच पर खेलते हो, जहां आपको अति सक्रिय होना होता है तो आप प्रतिक्रिया करने वाले नहीं हो सकते। गेंदबाजों पर हावी होना अहम होता है और यह सुनिश्चित करना भी कि आप उनसे आगे हो। इसी को देखते हुए सांमजस्य बिठाना होता है।’’
सफेद गेंद की टीम के उप कप्तान ने कहा, ‘‘अगर यह टर्न कर रही है तो कितना टर्न कर रही है। शॉट चयन पर फैसला करने से पहले इन तरह की चीजों का ध्यान रखना होता है। ’’ मोईन अली ने पहले भी भारतीय बल्लेबाजों को मुश्किल में डाला है और रोहित के लिये यह निहायती जरूरी था कि इंग्लैंड के सीनियर ऑफ स्पिनर को ‘रफ’ पर स्वीप करने की जरूरत है ताकि पगबाधा होने के किसी भी मौके को खत्म किया जा सके।
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उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मुझे इस मैच से पहले की तैयारियों से मदद मिली। मोईन अली जिस लाइन में गेंदबाजी कर रहा था, उससे समझने से भी मदद मिली। वह ‘रफ’ (गेंदबाजी से पिच पर होने वाले खुरदुरे निशान) पर गेंदबाजी कर रहा था इसलिये पगबाधा होने का थोड़ा सा मौका था।’’
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