लंदन। इंग्लैंड के पूर्व हरफनमौला फिलिप डेफ्रिटास ने नस्लवाद का मुद्दा उठाते हुए कहा कि जब वह क्रिकेट में सक्रिय थे, तब उन्हें धमकी मिली थी, ‘अगर मैंने इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व किया तो गोली मार दी जाएगी’। इंग्लैंड के लिए 44 टेस्ट में 140 और 103 एकदिवसीय में 115 विकेट लेने वाले 54 साल के डेफ्रिटास ने कहा कि उन्हें कई बार ऐसी धमकी मिली जिससे उनका अंतरराष्ट्रीय करियर प्रभावित हुआ।
डेफ्रिटास ने स्काई क्रिकेट पोडकास्ट से कहा, ‘‘ मुझे नेशनल फ्रंट का धमकी भरा पत्र मिला, जिसमें लिखा था, ‘अगर मैं इंग्लैंड के लिए खेलूंगा तो गोली मार दी जाएगी’। यह एक बार नहीं बल्कि दो या तीन ऐसा बार हुआ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ पुलिस मेरे घर की देखभाल कर रही थी। उस समय मेरे पास मेरे नाम के साथ एक प्रायोजित कार थी और मुझे अपने नाम को उस पर से हटाना पड़ा। मैं लॉर्ड्स में टेस्ट मैच से दो दिन पहले होटल में सोच रहा था कि खेलूं या नहीं? क्या वहां कोई बंदूक के साथ होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ ऐसे में मैं पूरी प्रतिबद्धता के साथ इंग्लैंड के लिए क्रिकेट खेलने पर कैसे ध्यान दे सकता था, मैं उन लागों को खुद पर हावी नहीं होने देना चाहता था।’’ इंग्लैंड के लिए 1986 से 1997 तक खेलने वाले डेफ्रिटास ने कहा कि उन्हें किसी तरह का समर्थन नहीं मिला और उन्हें अपना बचाव खुद करना पड़ा।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे कही से मदद नहीं मिली, कोई समर्थन नहीं मिला। मुझे खुद ही इसका सामना करना था, इससे काफी दुख होता है। मुझे याद है जब मैं अपनी मां के पास जाता था तब कहता था कि ऐसा नहीं लगता कि मैं वहां का हूं। लेकिन मुझे अपनी उपलब्धियों पर गर्व है।’’ अमेरिका में श्वेत पुलिसकर्मी की बेरहमी से अफ्रीकी-अमेरिकी मूल के जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद से दुनिया भर में नस्लवाद का मुद्दा उठ रहा है। कई क्रिकेटरों ने भी नस्लीय भेदभाव की शिकायत की है।
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