EXCLUSIVE| गौतम गंभीर ने ऑस्ट्रेलिया की मौजूदा टीम को बताया चिंता का विषय और निश्चित की भारत की जीत
भारतीय पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने इंडिया टीवी के एक खास इंटरव्यू में कहा है कि वह एडिलेड टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की परफॉर्मेंस देखकर हैरान है।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी टेस्ट सीरीज में भारत ने मेजबानों को सीरीज के पहले ही टेस्ट मैच में हराकर ऑस्ट्रेलियाई टीम को मुश्किलों में डाल दिया है। सीरीज का पहला मैच जीतने के बाद एक तरफ जहां भारतीय टीम की वाह-वाही हो रही है तो वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम सवालों के घेरे में आ खड़ी हुई है। मार्च में हुए बॉल टेंपरिंग केस के बाद ऑस्ट्रेलियाई टीम वैसे ही विवादों से जूझ रही है।
ऑस्ट्रेलियाई टीम को मिली इस हार के बाद क्रिकेट जगत के सभी दिग्गज अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। इसी कड़ी में भारतीय पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने इंडिया टीवी के एक खास इंटरव्यू में कहा है कि वह एडिलेड टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की परफॉर्मेंस देखकर हैरान है।
उन्होंने आगे कहा "मौजूदा समय में ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी उसकी कमजोरी है। मैंने आज तक ऑस्ट्रेलियाई कंडीशंस में ऑस्ट्रेलियाई टीम को इतने कम रन बनाते नहीं देखा। हमारे समय में वह 400 से अधिक रन बनाते थे और वह अब केवल 190 ही रन बना पा रहं हैं। इससे पता चलता है कि उनका डिफेंसिव माइंड सेट है। अगर डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ के बिना ये टीम ऑस्ट्रेलिया का बैकअप प्लान है तो यह ऑस्ट्रेलिया की नई पीढ़ी होगी। यह उनके लिए चिंताजनक होगा। एक देश केवल दो खिलाड़ियों पर निर्भर नहीं कर सकता। इससे यह पता चलता है कि उनका घरेलू क्रिकेट पहले की तरह मजबूत नहीं है। अगर ऑस्ट्रेलिया ऐसे ही डिफेंसिव माइडसेट के साथ आगे खेलती है तो भारत यह सीरीज जीतेगा।"
ऑस्ट्रेलिया में पहली बार सीरीज जीत इतिहास रचने की बात पर गंभीर ने कहा कि विराट कोहली के पास सपनों को सच कर देने के लिए जरूर अनुभव है। उन्होंने कहा "विराट कोहली का यह तीसरा ऑस्ट्रेलियाई दौरा है। वो एक अनुभवी खिलाड़ी हैं और उन्होंने विदेशों में कप्तानी की है। एक कप्तान अपने परिणाम और एक बल्लेबाज अपने रन की वजह से जाना जाता है। एक लीडर वही होता है तो विदेशों में मैच जिताए। राहुल द्रविड़ के समय में हम इंग्लैंड में जीते, धोनी के समय में हम न्यूजीलैंड में जीते और साउथ अफ्रीका में सीरीज ड्रॉ करवाई और कुंबले के समय में हम पर्थ में जीते।"
इसी के साथ गंभीर ने अपने संन्यास के बारे में बात करते हुए कहा "अगर मैं ये कहूं कि संन्यसा का फैसला लेना मेरे लिए आसान था तो यह झूठ होगा। जब आप 25 साल खेलकर अचानकर संन्यास लेते हो तो यह दिल तोड़ने वाला फैसला होता है क्योंकि इसके बाद आप यह सोचते हैं कि अब क्या करना है। मेरा एक लक्ष्य था भारत के लिए खेलना। मुझे लगता है कि अब किसी और को खेलने का मौका देना चाहिए"
इसी के साथ गंभीर ने 2007 और 2011 वर्ल्ड कप के बारे में बात करते हुए कहा "मैं भाग्यशाली था कि मैं दोनों वर्ल्ड कप टीम में शामिल था। वर्ल्ड कप मैडल ज्यादा मायने रखता है। मेरा लक्ष्य 15-20 हजार रन बनाने का नहीं था बल्कि वर्ल्ड कप जीतने का था। यह शेष सपनों की तुलना में कुछ भी नहीं है।"
(As told to Samip Rajguru - Executive Editor, Sports at IndiaTV)