ICC महिला विश्व कप : ऑस्ट्रेलिया को 36 रनों से हराकर भारत फाइनल में पहुंचा, हरमनप्रीत की तूफानी पारी
हरमनप्रीत कौर ने अपने तूफानी तेवरों का आज यहां बेजोड़ नमूना पेश करके नाबाद शतक जमाया जिससे भारत ने मौजूदा चैंपियन आस्ट्रेलिया को 36 रन से हराकर आईसीसी महिला विश्व कप के फाइनल में प्रवेश किया जहां उसका मुकाबला रविवार को लार्ड्स में मेजबान इंग्लैंड से
डर्बी: हरमनप्रीत कौर ने अपने तूफानी तेवरों का आज यहां बेजोड़ नमूना पेश करके नाबाद शतक जमाया जिससे भारत ने मौजूदा चैंपियन आस्ट्रेलिया को 36 रन से हराकर ICC महिला विश्व कप के फाइनल में प्रवेश किया जहां उसका मुकाबला रविवार को लार्ड्स में मेजबान इंग्लैंड से होगा। हरमनप्रीत ने भारतीय महिला वनडे की संभवत: सर्वश्रेष्ठ पारी खेली। उन्होंने 115 गेंदों पर 20 चौकों और सात छक्कों की मदद से नाबाद 171 रन बनाये जिससे भारत ने सुबह की बारिश के कारण 42 ओवरों के कर दिये गये मैच में चार विकेट पर 281 रन बनाये। ये भी पढ़ें: जानें कौन हैं हरमनप्रीत कौर जिन्होंने तोड़ी ऑस्ट्रेलियाई बॉलर्स की कमर
आस्ट्रेलिया की टीम इसके जवाब में 40.1 ओवर में 245 रन पर आउट हो गयी। आस्ट्रेलियाई पारी में एलिस विलानी 58 गेंदों पर 75 रन और एलिस पेरी 38 ने चौथे विकेट के लिये 106 रन जोड़े जबकि एलेक्स ब्लैकवेल 56 गेंदों पर 90 रन और बीम्स नाबाद 11 ने आखिरी विकेट के लिये 76 रन जोड़े लेकिन इससे हार का अंतर ही कम हुआ।
भारत दूसरी बार विश्व कप के फाइनल में पहुंचा है। इससे पहले वह 2005 में दक्षिण अफ्रीका में खेले गये टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा था जहां उसे आस्ट्रेलिया के हाथों हार झोलनी पड़ी थी। भारतीय टीम ने इस तरह से उस हार के अलावा वर्तमान टूर्नामेंट के लीग चरण में अपने इस प्रतिद्वंद्वी से मिली पराजय का भी बदला चुकता किया। भारत अब फाइनल में उस इंग्लैंड से भिड़ेगा जिसे उसने लीग चरण के पहले मैच में शिकस्त दी थी।
भारतीय जीत की नायिका हरमनप्रीत रही। उन्होंने कप्तान मिताली राज 36 के साथ तीसरे विकेट के लिये 66 और फिर दीप्ति शर्मा के साथ चौथे विकेट के लिये 137 रन की साझोदारी की। इसमें दीप्ति का योगदान केवल 25 रन का था। दीप्ति के नाम पर ही भारत की तरफ से वनडे में सर्वाधिक स्कोर का रिकार्ड है। उन्होंने इसी वर्ष आयरलैंड के खिलाफ पोटचेफ्सट्रूम में 188 रन बनाये थे।
हरमनप्रीत ने शुरू में क्रीज पर पांव जमाने में समय लगाया। उन्होंने पहले 50 रन के लिये 64 गेंदें खेली। इसके बाद अगले 50 रन उन्होंने 26 गेंदों में बनाये जबकि 100 से 150 रन तक पहुंचने में उन्होंने केवल 17 गेंदें खेली। पारी के आखिरी ओवरों में तो उनके बल्ले से केवल चौके और छक्के निकल रहे थे।
आस्ट्रेलिया के सामने बड़े लक्ष्य का दबाव था और इसका असर शुरू में ही उसकी बल्लेबाजों पर दिखा। भारतीयों की कसी हुई गेंदबाजी के सामने उसने आठवें ओवर तक बेथ मूनी एक, कप्तान मेग लैनिंग शून्य और निकोल बोल्टन 14 के विकेट गंवा दिये जिससे उसका स्कोर तीन विकेट पर 21 रन हो गया।
भारत को जल्द ही विलानी का विकेट भी मिल जाता लेकिन जब वह दस रन पर थी तब शिखा पांडे ने उनका कैच छोड़ दिया। उन्होंने इसके बाद तूफानी अंदाज में बल्लेबाजी की तथा पूनम यादव के एक ओवर में तीन चौके लगाकर अपना अर्धशतक पूरा किया। जब विलानी खतरनाक रूप धारण कर चुकी थी तब राजेरी गायकवाड़ की गेंद पर उन्होंने आगे बढ़कर शाट खेला जो मिड आन पर खड़ी स्मृति मंदाना के पास पहुंच गया। विलानी ने अपनी पारी में 13 चौके लगाये।
इसके बाद शिखा पांडे ने अपनी ही गेंद पर पेरी का कैच लपक दिया जिससे आस्ट्रेलिया की लक्ष्य तक पहुंचने की उम्मीदें भी समाप्त हो गयी। उसने बीच में इन दोनों के अलावा 28 रन के अंदर कुल पांच विकेट गंवाये। ब्लैकवेल ने हालांकि हार नहीं मानी और कुछ करारे शाट जमाये। गायकवाड़ पर लगातार दो छक्के जड़कर उन्होंने भारतीयों को सोचने के लिये मजबूर कर दिया, लेकिन वह शतक पूरा नहीं कर पायी। उन्होंने अपनी पारी में दस चौके और तीन छक्के लगाये। भारत की तरफ से दीप्ति शर्मा 59 रन देकर तीन जबकि झाूलन गोस्वामी और शिखा पांडे ने दो-दो विकेट लिये। इससे पहले बारिश के कारण मैच लगभग तीन घंटे की देरी से शुरू हुआ और मैच 42 - 42 ओवर का कर दिया गया। मिताली ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला करने में कोई हिचकिचाहट नहीं दिखायी