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Hindi News खेल क्रिकेट टेस्ट क्रिकेट का 191 साल पुराना नियम बदलेगा, मेज़बान टीम को पड़ेगा भारी

टेस्ट क्रिकेट का 191 साल पुराना नियम बदलेगा, मेज़बान टीम को पड़ेगा भारी

टेस्ट क्रिकेट जिस पहले बुनियादी नियम के साथ शुरु हुआ था उसे अब शायद हटा दिया जाएगा.

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टेस्ट क्रिकेट जिस पहले बुनियादी नियम के साथ शुरु हुआ था उसे अब शायद हटा दिया जाएगा. ICC इस बात पर विचार करने जा रही है कि मेज़बान टीम को फ़ायदा पहुंचाने वाले टॉस को ख़त्म किया जाना चाहिए या नहीं. अभी मेज़बान टीम का कप्तान सिक्का उछालता है मेहमान टीम का कप्तान हेड या टेल मांगता है. मार्च 1877 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच MCG पर पहला टेस्ट मैच खेला गया था और तभी से टॉस का चलन शुरु हुआ था. 

टॉस को लेकर कहा जाता है कि इससे मेज़बान टीम को फ़ायदा मिलता है क्योंकि वह अपनी टीम की ताक़त के अनुसार पिच बनवा लेती है. इस वजह से टॉस की एहमियत ज़रुरत से ज़्यादा बढ़ जाती है. अब ICC इसमें बदलाव करने की सोच रही है. इसकी शुरुआत 2019 में इंग्लैंड ऐशेज़ सिरीज़ सो हो सकती है जिसके साथ टेस्ट चैंपियनशिप का आग़ाज़ होगा. 2019 ऐसेज़ सिरीज़ में मेज़बान टीम तय केरगी कि उसे पहले बैटिंग करनी है या बॉलिंग.

आपको बता दें कि 2016 से इंग्लिश काउंटी चैंपियनशिप की प्लेइंग कंडीशन्स में बदलाव किया गया है. इसके तहत मेज़बान टीम पहले बॉलिंग करने का फ़ैसला कर सकती है लेकिन अगर उसे ये फ़ैसला ठीक नहीं लगता तो वह टॉस कर सकती है. 

इस मसले पर मई के अंत में मुंबई में ICC की क्रिकेट समिति की बैठक होने जा रही है. "पिच की तैयारी में होम टीम के दख़ल को लेकर समिति के सदस्य चिंतित हैं. समिति के एक से ज़्यादा सदस्यों का मानना है कि हर मैच में टॉस मेज़बान को सैंप दिया जाना चाहिए हालंकि कुछ सदस्य इस राय से इत्तफ़ाक नहीं रखते."

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