टीम इंडिया में पांचवें गेंदबाज की कमी पूरा करना चाहते हैं हनुमा विहारी
हनुमा विहारी भारतीय टीम में बल्लेबाज के तौर पर शामिल हुए हैं लेकिन आंध्र का यह खिलाड़ी अपनी ऑफ स्पिन गेंदबाजी को धारदार बनाने में लगा है जिससे वह ‘पांचवें’ गेंदबाज की भरपाई कर सकें।
नार्थ साउंड (एंटीगा)। हनुमा विहारी भारतीय टीम में बल्लेबाज के तौर पर शामिल हुए हैं लेकिन आंध्र का यह खिलाड़ी अपनी ऑफ स्पिन गेंदबाजी को धारदार बनाने में लगा है जिससे वह ‘पांचवें’ गेंदबाज की भरपाई कर सकें। विहारी ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच की दूसरी पारी में रविवार को शानदार बल्लेबाजी करते हुए 93 रन बनाये थे।
भारतीय टीम ने इस मुकाबले को 318 रन के बड़े अंतर से अपने नाम किया। टीम में छठे क्रम के बल्लेबाज के तौर पर रोहित शर्मा की जगह तरजीह पाने वाले विहारी अगर अपनी आफ स्पिन गेंदबाजी में सुधार करते है तो निकट भविष्य में रविचंद्रन अश्विन को बाहर बैठना पड़ सकता है।
विहारी ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ सिर्फ मेरे लिये नहीं, टीम के लिए भी यह जरूरी है कि मैं अपनी आफ स्पिन गेंदबाजी में सुधार करना जारी रखूं। मैं टीम संयोजन में इसलिए फिट बैठा क्योंकि मैं पांचवें गेंदबाज की भूमिका निभा सकता था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं इसमें सुधार करना जारी रखना चाहता हूं। उम्मीद हैं मुझे ज्यादा गेंदबाजी का मौका मिलेगा और इससे टीम को फायदा होगा।’’ टीम में एक अतिरिक्त बल्लेबाज की जरूरत के कारण अश्विन को अंतिम एकादश से बाहर बैठना पड़ा। भारतीय टीम इस मैच में चार गेंदबाजों के साथ उतरी जिसमें रविन्द्र जडेजा इकलौते स्पिनर थे। विहारी ने कहा कि अगर टीम को जरूरत हुई तो वह अश्विन से सीख लेने के लिए तैयार है।
विहारी ने कहा, ‘‘ मैं भाग्यशाली हूं कि भारतीय क्रिकेट इतिहास के सर्वश्रेष्ठ आफ स्पिनर से मुझे मदद मिलती हैं। उनके साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना और आफ स्पिन गेंदबाजी के बारे में चर्चा करना शानदार हैं।’’
विहारी ने कहा कि उनके लिए यहां की परिस्थितियों से सामंजस्य बैठना थोड़ा आसान हो गया था क्योंकि उन्होंने इस मैच से पहली वेस्टइंडीज ए के खिलाफ भारत ए का नेतृत्व किया था। जहां उन्होंने एक शतक और दो अर्धशतक लगाये थे।
25 साल के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘‘ मुझे पता था कि पिच कैसी होगी। ’’ विहारी ने आस्ट्रेलिया दौरे पर सलामी बल्लेबाज की भूमिका निभाई थी लेकिन वह अब फिर से मध्यक्रम में आ गये है। विहारी ने कहा कि टीम प्रबंधन उन्हें जो भी जिम्मेदारी देगा वह उसके लिए तैयार हैं।
विहारी ने कहा, ‘‘ मैं उन सब (बल्लेबाजी क्रम) के बारे में ज्यादा नहीं सोचता हूं। अगर टीम किसी खास संयोजन के साथ खेलना चाहती है तो हम उसका सम्मान करते है और मैदान में जाकर अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करते हैं।’’ वह इस मुकाबले में महज सात रन से अपना पहला शतक लगाने से चूक गये लेकिन निराश नहीं है क्योंकि टीम की जीत में उनका योगदान अहम रहा।
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारी योजना लंच के बाद एक घंटे बल्लेबाजी करने की थी। इसलिए मैंने सोचा कि लंच के बाद तेजी से रन सकता हूं और शतक के करीब पहुंच सकता हूं। मैं जैसन होल्डर के उस ओवर में वही करने की कोशिश कर रहा था। मैं टीम की सफलता में योगदान देकर खुश हूं। वह दिन भी आएगा जब मैं तिहरे अंक में पहुंचने में सफल रहूंगा।’’