अफरीदी के सबसे तेज शतक में सचिन तेंदुलकर का था बड़ा हाथ, ऑटोबायोग्राफी में हुआ खुलासा
पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी अपनी ऑटोबायोग्राफी 'गेम चेंजर' को लेकर इन दिनों सुर्खियों में हैं।
पाकिस्तान के पूर्व ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी अपनी ऑटोबायोग्राफी 'गेम चेंजर' को लेकर इन दिनों सुर्खियों में हैं। शाहिद अफरीदी ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में 37 गेंदों में लगाए गए शतक को लेकर बड़ा खुलासा किया है। अफरीदी ने खुलासा किया है कि उन्होंने साल 1996 में नैरोबी में श्रीलंका के खिलाफ 37 गेंदों में जो सबसे तेज शतक जड़ा था वो सचिन के बल्ले से बनाया था। अपनी किताब के एक चैप्टर में अफरीदी ने इस बात की भी जानकारी दी है कि सचिन का बैट उनके पास तक कैसे पहुंचा था।
अपनी ऑटोबायोग्राफी में अफरीदी ने खुलासा किया कि सचिन ने अपना बैट पाकिस्तानी क्रिकेटर वकार यूनुस को दिया था ताकि वह उनके लिए ऐसा ही एक बैट पाकिस्तानी शहर सियालकोट (पाकिस्तान में खेल का सामान बनाने की राजधानी) में तैयार सके। लेकिन किस्मत देखिए कि बैट सियालकोट पहुंच पाता उससे पहले ये बैट अफरीदी के हाथ लग गया और इसी बल्ले से उन्होंने श्रीलंका के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दी।
अफरीदी ने इस घटना का जिक्र करते हुए अपनी किताब में लिखा, "क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वकार ने सियालकोट ले जाने से पहले सचिन के बल्ले के साथ क्या किया? उन्होंने मुझे बल्लेबाजी पर जाने से पहले ये बल्ला दिया और नैरोबी में सचिन तेंदुलकर के बल्ले से मैंने अपने करियर का पहला शतक जड़ दिया।"
बता दें कि शाहिद अफरीदी ने अपना इंटरनेशल डेब्यू केन्या में आयोजित ट्राई नेशन सीरीज में किया था। साल 1996 में खेली गई इस सीरीज में अफरीदी ने अपने पहले वनडे मैच में ही श्रीलंका के खिलाफ 37 गेंदों में शतक जड़ सनसनी मचा दी थी। इस पारी में उन्होंने 6 चौके और 11 गगनचुंबी छक्के जड़े थे। उस वक्त ये इंटरनेशनल क्रिकेट का सबसे तेज शतक था। बाद में इस रिकॉर्ड को न्यूजीलैंड के कोरी एंडरसन ने तोड़ा था। कोरी ने साल 2014 में वेस्टइंडीज के खिलाफ महज 36 गेंदों में शतक जड़ा था।
यही नहीं अफरीदी ने इस पारी से जुड़ा एक और बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने अपनी किताब में लिखा कि पहले शतक के समय उनकी उम्र 19 साल थी न कि 16 साल। उनका जन्म 1975 में हुआ था। अधिकारियों ने उनकी जन्मतिथि गलत लिखी थी। इस खुलासे के बाद क्रिकेट जगत में खलबली मच गई है।