विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल (Parthiv Patel) ने मंगलवार को खुलासा किया कि 2007-08 के ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम में नहीं चुने जाने पर उन्हें काफी निराशा हुई थी। पटेल ने यह भी बताया कि उन्हें पता था कि वह दूसरे विकेट कीपर स्लॉट के लिए लड़ाई कर रहे थे, लेकिन टीम में नहीं चुने जाने के बाद उन्हें काफी धक्का लगा। पार्थिव पटेल ने पूर्व भारतीय गेंदबाज आर पी सिंह के साथ इंस्टाग्राम लाइव सेशन के दौरान ये खुलासा किया।
पार्थिव ने कहा, "सही समय पर सही जगह पर होना जरूरी है। जब 2008 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए भारतीय टीम को चुना गया, तो मैं दूसरे विकेट कीपर स्लॉट के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहा था क्योंकि धोनी पहले ही अपनी जगह पक्की कर चुके थे। जब मुझे टीम में शामिल नहीं किया गया तो मैं काफी निराश हो गया।" उन्होंने आगे कहा, "दिलीप वेंगसरकर उस समय चयनकर्ताओं के अध्यक्ष थे। उन्होंने मुझे फोन किया और कहा कि आप अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और इसे बनाए रखें। फिर उन्होंने मुझे बताया कि मुझे ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए नहीं चुना गया।"
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2007-08 में मेजबान ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 2-1 से टेस्ट सीरीज में मात दी थी। 4 मैचों की इस टेस्ट सीरीज में काफी विवाद भी हुआ था। आर पी सिंह के साथ बातचीत में पार्थिव ने बताया, "उस समय देश के सभी विकेट कीपर जानते थे कि उन्हें पहली पसंद के रूप में नहीं चुना जा सकता क्योंकि एमएस धोनी बतौर विकेटकीपर पहली पसंद थे।
पार्थिव ने बताया, "हम सभी दूसरे विकेट कीपर स्लॉट के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहे थे। उस समय, मैं अपने हर मैच में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के बारे में सोचता था। आप वास्तव में जानते थे कि कप्तान के लिए विकेटकीपर प्राथमिकता है। इसलिए मैं पहली पसंद के विकेटकीपर के रूप में टीम में नहीं चुने गया।"
पार्थिव ने भारत के लिए 25 टेस्ट, 38 वनडे मैच खेले हैं। उन्होंने 2002 में ट्रेंट ब्रिज में इंग्लैंड के खिलाफ पदार्पण किया था। पार्थिव के नाम बतौर विकेट कीपर सबसे कम उम्र में डेब्यू करने का रिकॉर्ड है। पार्थिव की डेब्यू के समय उम्र महज 17 साल और 153 दिन थी। इससे पहले ये रिकॉर्ड पाकिस्तान के हनीफ मोहम्मद (17 साल और 300 दिन) के नाम था।
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