नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढी की अगुवाई वाली तीन सदस्यीय समिति के सामने गुरूनाथ मयप्पन के वकील ने उन्हें बचाने और कम से कम सज़ा दिलाने के लिए कई दलीलें रखीं लेकिन इनका कोई असर नहीं पड़ा।
एक नज़र डालते हैं दलीलों और समिति के तर्कों पर।
दलील- मय्यपन पहले ही 10 दिन जेल की सज़ा काट चुके हैं इसलिए अब उनके साथ रियायत होनी चाहिए।
समिति- आपराधिक आरोपों का सामना करने और 10 दिन की जेल से साबित हो गया है कि उसका कसूर कितना संगीन था।
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