नई दिल्ली। भारतीय टीम एशिया कप 2018 का अपना पहला मुकाबला लगभग हार गई थी। लेकिन किसी तरह गेंदबाजों ने वापसी कराकर मैच को जिताया था। ये मैच था भारत बनाम हांग कांग का। किसी ने उम्मीद नहीं की थी भारत जैसा नंबर दो टीम को हांग कांग जैसी टीम के खिलाफ मैच जीतने में पसीना बहाना पड़ेगा। हांग कांग की इसी टीम में एक खिलाड़ी थे क्रिस कार्टर, हालांकि अब ये युवा खिलाड़ी क्रिकेट में नहीं दिखेगा। दरअसल क्रिस कार्टर ने 21 साल की उम्र में क्रिकेट से अलविदा कह दिया है।
हांग कांग में जन्में और ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में पले बढ़े क्रिस कार्टर ने क्रिकेट छोड़ने के पीछे बेहद ही रोचक वजह का खुलासा किया है। उन्होंने पायलट बनने के लिए क्रिकेट से अलविदा कह दिया है। महज 21 साल की उम्र में क्रिकेट छोड़ने वाले क्रिस कार्टर की फील्डिंग देखने लायक होती थी। क्रिस कार्टर ने अपने देश को क्रिकेट में रीप्रजेंट करने के लिए दो साल पहले पढ़ाई छोड़ दी थी। क्रिस कार्टर ने हांग कांग के लिए 11 वनडे और 10 टी20 मैच खेले हैं।
2014 में हांगकांग लौटने के बाद से, कार्टर अपनी राष्ट्रीय टीम का एक प्रमुख हिस्सा बने हुए थे। लेकिन अब वह एडीलेड में 55 सप्ताह बिताएंगे ताकि कैथे पैसफिक (एयरलाइन कंपनी) में पायलट बन सकें। हॉन्गकॉन्ग के विकेटकीपर क्रिस्टोफर कार्टर के क्रिकेट छोड़ने की वजह पढ़ाई ही है। कार्टर ने अपने बयान में खुलासा किया, ''मैंने क्रिकेट के लिए पहले ही अपनी पढ़ाई को रोका हुआ है। मुझे लगता है कि ये वही करने का समय है जो मैं हमेशा करना चाहता था। मुझे पायलट बनना है। पैसों की कमी की वजह से मेरे लिए हॉन्ग कॉन्ग के लिए फुल टाइम क्रिकेट खेलना काफी मुश्किल है। सरकार और आईसीसी से हमें अच्छा समर्थन नहीं मिल रहा है।”
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