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Hindi News खेल क्रिकेट धोनी-कोहली के लिए लकी रहा होलकर स्टेडियम, क्या तीसरे वनडे में सिलसिला रहेगा बरकरार ?

धोनी-कोहली के लिए लकी रहा होलकर स्टेडियम, क्या तीसरे वनडे में सिलसिला रहेगा बरकरार ?

होलकर स्टेडियम में आकर खत्म हुआ विराट, धोनी, सहवाग और द्रविड़ के बल्ले से रनों का सूखा।

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इंदौर: विराट कोहली का 7 टेस्ट पारियों में एक-एक रन के लिए तरसने के बाद दोहरा शतक जमाना हो या फिर वीरेंद्र सहवाग की वनडे में डबल सेंचुरी का रिकॉर्ड हो, भारतीय कप्तानों के लिए देश के पहले टेस्ट कप्तान सीके नायडू के शहर इंदौर का होलकर स्टेडियम शुरू से भाग्यशाली रहा है।

2016 में कोहली अपनी बेहतरीन फार्म में थे और उनका बल्ला रन उगल रहा था, लेकिन इस बीच टेस्ट मैचों में ऐसा भी दौर आया जब सात टेस्ट पारियों में वह केवल 18.85 की औसत से 132 रन ही बना पाए थे। न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरा टेस्ट मैच 8 से 11 अक्तूबर के बीच होलकर स्टेडियम में खेला जाना था। इससे पहले सिरीज़ की चार पारियों में कोहली ने 9, 18, 9 और 45 रन बनाए थे। होलकर स्टेडियम में खेले गए इस मैच में विराट कोहली ने 211 रन की जोरदार पारी खेलकर यादगार बनाया। उस समय यह कोहली का टेस्ट मैचों में बेस्ट स्कोर भी था। भारत ने यह मैच 321 रन के अंतर से जीता था।

कोहली के अलावा पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने भी इस मैदान पर यादगार पारियां खेली हैं। होलकर में पहला वनडे 15 अप्रैल 2006 को इंग्लैंड के खिलाफ खेला गया था, जिसमें भारत ने सात विकेट से जीत हासिल की। उस सिरीज़ में भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ रन बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। लेकिन अपने जन्म स्थान इंदौर में उन्होंने तब 69 रन की पारी खेलकर भारतीय जीत में अहम भूमिका निभाई थी।

वहीं वीरेंद्र सहवाग के लिए भी होलकर स्टेडियम लकी रहा है। 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे सिरीज़ में धोनी को आराम दे दिया गया था और उनकी जगह वीरेंद्र सहवाग को टीम की कमान सौंप दी गई। सिरीज़ के पहले तीन मैचों में सहवाग केवल 20, 26 और 0 रन ही बना पाए थे। सहवाग ने आठ दिसंबर 2011 को खेले गए मैच में 219 रन की लाजवाब पारी खेली। इसके लिए उन्होंने 149 गेंदों का सामना किया और 25 चौके और 7 छक्के लगाए। सहवाग ने सचिन तेंदुलकर के नाबाद 200 रन के रिकॉर्ड को तोड़ा जो उन्होंने 24 फरवरी 2010 को ग्वालियर में बनाया था।

होलकर में आखिरी वनडे 14 अक्तूबर 2015 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला गया था, जिसके नायक कप्तान महेंद्र सिंह धोनी रहे थे। धोनी ने अपनी कप्तानी में इस मैदान पर बल्ले से कमाल दिखने के बाद विकेट के पीछे भी शानदार प्रदर्शन कर टीम इंडिया को जीत दलाई थी। धोनी ने तब मुश्किल हालातों में 92 रन की नाबाद पारी खेली थी और बाद में तीन कैच और एक स्टंप भी किया था। भारत ने 22 रन से मैच जीता और धोनी को 'मैन आफ द मैच' चुना गया।

टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली की नजर इंदौर में शतक जड़कर रिकी पोंटिंग के रिकॉर्ड को तोड़ने पर होगी। विराट कोहली शानदार फॉर्म में चल रहे हैं लिहाजा फैंस को उनसे पूरी उम्मीद होगी कि वो इस मैच में शतक जड़कर इसे यादगार बनाएं।

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