सिडनी में जीत बड़ी उपलब्धि होगी क्योंकि यहीं से हुई थी बदलाव की शुरुआत: विराट कोहली
महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास लेने के बाद कोहली ने चार साल पहले इसी मैदान भारतीय टेस्ट कप्तान के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी।
सिडनी: भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा है कि सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज जीतना काफी बड़ी उपलब्धि होगी क्योंकि इसी मैदान से उनकी कप्तानी में टीम में बदलाव के दौर की शुरुआत हुई थी। महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास लेने के बाद कोहली ने चार साल पहले इसी मैदान भारतीय टेस्ट कप्तान के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी। भारत तब दुनिया की सातवें नंबर की टीम था और अब इस फॉर्मेट में दुनिया की नंबर एक टीम हैं। टीम इंडिया चार मैचों की सीरीज में 2-1 की अजेय बढ़त के साथ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी को अपने पास बरकरार रखना तय कर चुकी है।
कोहली ने गुरुवार से शुरू होने चौथे टेस्ट से पहले कहा, ‘‘सिर्फ चार साल हुए हैं (मुझे कप्तानी संभाले)। अगर ऐसा होता है तो यह शानदार होगा क्योंकि मैं तीसरी बार यहां टेस्ट दौरे पर आया हूं और मुझे पता है कि यहां जीतना कितना मुश्किल है। आप ऑस्ट्रेलिया में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं लेकिन टीम के रूप में जीत दर्ज करना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती रही है। ईमानदारी से कहूं तो पिछले दो दौरों के व्यक्तिगत प्रदर्शन किसी को याद भी नहीं हैं।’’
कोहली ने कहा कि अंतिम टेस्ट जीतना प्रदर्शन में निरंतरता हासिल करने की तरफ एक और कदम बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा, ‘‘आपका नाम भले ही सम्मान के साथ बोर्ड पर लिखा हो लेकिन अगर आपकी टीम जीत दर्ज नहीं करती तो यह मायने नहीं रखता। अब तक यह बड़ी चीज है, बड़ी सीरीज जीत, सिर्फ मेरे लिए ही नहीं लेकिन पूरी टीम के लिए भी क्योंकि इसी स्थान पर हमने बदलाव के दौर की शुरुआत की थी।’’
भारतीय कप्तान ने कहा, ‘‘इसी जगह पर जब महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी छोड़ी (2014 में) थी और हमारी टीम काफी युवा थी, दुनिया की छठे या सातवें (टेस्ट रैंकिंग) नंबर की टीम। हम यहां दुनिया की नंबर एक टीम के रूप में वापस आए हैं और हम इस विरासत को आगे बढ़ाना चाहते हैं।’’
कोहली ने कहा कि उनकी टीम के लिए जीतना ‘जुनून’ बन गया है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप देखो तो पिछले मैच में अंतिम विकेट गिरने के बाद सभी की भावनाएं सामने आ गई, यहां तक कि सबसे कम बोलने वाले खिलाड़ियों की भी क्योंकि हमें पता है कि एक टीम के रूप में अगर आप एक दिशा में जोर लगाते हो तो चीजें सही होती हैं। और यह जुनून होना चाहिए। अगर यह जुनून है तो एक-दो मैचों में नहीं रुकेगा। अगर यह लक्ष्य है तो यह एक या दो मैचों में रुक जाएगा।’’