नयी दिल्ली: दिल्ली डेयरडेविल्स के सीईओ हेमंत दुआ का मानना है कि गौतम गंभीर जहां से ताल्लुकात रखते हैं वहां उनकी वापसी हुई है और वह चाहते हैं कि वह इस फ्रेंचाइजी के लिये इंडियन प्रीमियर लीग का खिताब जीतकर अपना अधूरा काम पूरा करें।
गंभीर 2008-10 तक डेयरडेविल्स के खिलाड़ी थे। वह कोलकाता नाइटराइडर्स के साथ सात साल बिताने के बाद अब दिल्ली की टीम की अगुवाई करेंगे। केकेआर ने गंभीर के नेतृत्व में दो खिताब जीते थे। दुआ ने कहा, ‘‘हम गौतम को वापस लेने के इच्छुक थे क्योंकि फ्रेंचाइजी के साथ उनका काम अधूरा (आईपीएल ट्राफी जीतना) छूटा है। पिछले आईपीएल में वह डेविड वॉर्नर के बाद सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज थे। इससे भी बढ़कर वह अच्छे नेतृत्वकर्ता हैं।’’
दुआ को खुशी है कि टीम गठन के मामले में नवनियुक्त मुख्य कोच रिकी पोंटिंग और गंभीर की सोच एक जैसी है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने निजी तौर पर यह सुनिश्चित किया कि पोंटिंग और गंभीर एक दूसरे से बात करें और बतायें कि उनके दिमाग में क्या है। मुझे खुशी है कि टीम गठन के मामले में उनकी एक जैसी राय है। उन्होंने भावी योजनाओं को लेकर लंबी बातचीत की।’’
दुआ ने स्वीकार किया कि केकेआर ने जब गंभीर के लिये राइट टू मैच (आरटीएम) कार्ड का उपयोग नहीं करने का फैसला किया तो उन्हें टीम से जोड़ना मुश्किल नहीं था। उन्होंने कहा, ‘‘भारत से तीन संभावित कप्तान थे रविचंद्रन अश्विन, अंजिक्य रहाणे और गौतम गंभीर। पांच फ्रेंचाइजी के पास कप्तान थे और ऐसे में हमारे पास कुछ ही विकल्प थे। जब किंग्स इलेवन ने अश्विन को लिया तो फिर यह तय हो गया कि हमें गौतम को लेना है। ’’
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