हाशिम अलमा ने काउंटी में सरे के साथ दो साल के लिए किया 'कोलपैक डील'
साउथ अफ्रीका के दिग्गज क्रिकेटर हाशिम अमला ने काउंटी में सरे टीम के साथ दो साल के लिए कोलपैक डील साइन किया है।
हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने वाले साउथ अफ्रीका के दिग्गज खिलाड़ी हाशिम अमला ने काउंटी में सरे के साथ 'कोलपैक डील' किया। अमला साउथ अफ्रीका के पहले क्रिकेटर नहीं हैं जिन्होंने अपनी नेशनल टीम को छोड़ कर काउंटी में खेलने के विकल्प को चुना है।
अमला से पहले साउथ अफ्रीका के ऑफ स्पिन गेंदबाज ने साइमन हार्मर, तेज गेंदबाज डुआने ओलिवर रिली रोसोयु, कायल एबोट और डेन विलास जैसे खिलाड़ियों ने खिलाड़ियों ने काउंटी में कोलपैक डील कर अपने देश के लिए खेलना छोड़ दिया।
अमला को साउथ अफ्रीका के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। अमला जैक कालिस के बाद साउथ अफ्रीका के लिए टेस्ट में दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। अमला ने 124 टेस्ट मैचों में 9282 रन बनाए हैं।
वहीं अमला टेस्ट मैचों में तिहरा शतक लगाने वाले एकमात्र साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज हैं। अमला ने 2012 में इंग्लैंड के खिलाफ 311 रनों की पारी खेली थी।
भारत दौरे पर टेस्ट सीरीज में 3-0 से करारी हार के बाद साउथ अफ्रीका के कप्तान फाफ डुप्लेसिस ने भी इस कोलपैक डील के खिलाफ अपनी निराशा जताई। डुप्लेसिस ने टेस्ट सीरीज में मिली हार के बाद टीम के खिलाड़ियों को तो जिम्मेदार ठहराया ही साथ में अफ्रीकी और यूरोपीय देशों के बीच होने वाली 'कोलपैक डील' को भी एक बड़ी वजह बता डाला।
डुप्लेसिस का मानना है की इस डील के चलते साउथ अफ्रीका ने अपने कई सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी खोए हैं जिससे टीम को काफी नुकसान हुआ है।
क्या है कोलपैक डील ?
कोलपैक डील की शुरुआत साल 2003 में हुई थी। 2003 के बाद से दुनिया भर के देशों के 60 से अधिक खिलाड़ियों ने यूरोपीय संघ के निवासी नियमों का लाभ उठाया है ताकि वो काउंटी टीमों में ‘लोकल प्लेयर’ की तरह शामिल हो सकें।
कोलपैक डील करने के साथ ही खिलाड़ी अपने देश के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने के योग्य नहीं रह जता है। इस डील के कारण ही साल 2017 में साउथ अफ्रीका के तेज गेंदबाज मोर्ने मोर्कल ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास का एलान कर दिया था।
क्यों भाता है साउथ अफ्रीकी क्रिकेटर को 'कोलपैक डील'
पिछले कुछ सालों में कोलपैक डील की वजह से साउथ अफ्रीका ने अपने कई बेहतरीन खिलाड़ियों गंवाया है। ये ऐसे क्रिकेटर्स हैं जो काउंटी में अपनी टीमों के जबरदस्त खेल का प्रदर्शन कर रहें लेकिन साउथ अफ्रीका को इसका फायदा नहीं पहुंचा।
इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह है खिलाड़ियों को मिलने वाला पैसा। साउथ अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड अपने खिलाड़ियों को उतना पैसा नहीं दे पाती है जितना कि उन्हें काउंटी में खेलने से मिल जाता है।
शायद यही वजह हो सकती है कि इस डील के कारण अमला ने इंटरनेशन क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला किया।
आपको बता दें कि साउथ अफ्रीका के अधिकतर क्रिकेटर अपनी आर्थिक चिंताओ और परिवार को ध्यान में रखते हुए अपने देश को छोड़कर काउंटी में खेलने का फैसला करते हैं जो कि साउथ अफ्रीका क्रिकेट के लिए एक चिंता का विषय है।