हार्दिक पंड्या के आईसीसी रैंकिंग पर इरफान पठान ने उठाए सवाल कह दी यह बड़ी बात
पूर्व क्रिकेटर इरफान पठान का मानना है कि भारतीय टीम के ऑलराउंडर अपनी पूरी क्षमता के साथ प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं जिसकी वजह से वह आईसीसी रैंकिंग के टॉप-10 में भी शामिल नहीं हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी इरफान पठान का मानना है कि ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या इंग्लैंड के बेन स्टोक्स के समान मैच विनर खिलाड़ी नहीं है। वहीं दूसरी तरफ स्टोक्स इंग्लैंड को कई बार बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में शानदार खेल का प्रदर्शन कर अपनी टीम को मैच जिता चुके हैं। यही कारण है की स्टोक्स मौजूदा समय में आईसीसी रैंकिंग में दुनिया के नंबर एक ऑलराउंडर हैं।
क्रिकेट डॉट कॉम को दिए एक इंटरव्यू में पठान ने पंड्या को लेकर खुल अपनी बात रखी और कहा, ''बेन स्टोक्स कई मौकों पर इंग्लैंड को अपने दमपर मैच जिताया और वह दुनिया के नंबर-1 ऑलराउंडर बने। मैं चाहता हूं कि टीम इंडिया के पास भी इस तरह का ऑलराउंडर होना चाहिए जो टीम को मैच जिताए। टीम में ऑलराउंडर का होना किसी भी पक्ष के लिए खास होता है।''
पठान ने कहा, ''अगर में भारतीय टीम की किसी अन्य टीम से तुलना करें तो हम उनसे कही आगे हैं लेकिन ऑलराउंडर के मामले में हम पीछे रह जाते हैं। हार्दिक पंड्या टीम के प्रमुख ऑलराउंडर हैं लेकिन वह आईसीसी रैंकिंग के किसी भी फॉर्मेट में टॉप-10 में भी नहीं है। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि उनमें क्षमता नहीं है लेकिन उन्हें अपनी इस काबिलियत को सही तरीके से इस्तेमाल करना पड़ेगा।''
उन्होंने कहा, ''बेन स्टोक्स और जेसन होल्डर जैसे खिलाड़ी अकेले दमपर अपनी टीम को जीत दिलाने की क्षमता रखते हैं। यही कारण हैं रैंकिंग में उसका असर दिखता है। भारत का एकमात्र खिलाड़ी रविंद्र जडेजा ऑलराउंडरों की रैंकिंग में टॉप- 10 में शामिल हो सका है।''
आपको बता दें कि कुछ साल पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 मुकाबले में जब भारतीय क्रिकेट टीम के हार्दिक पंड्या ने अपना डेब्यू किया तो ऐसा लगा कि लंबे इंतजार के बाद टीम को एक बेहतरीन ऑलराउंडर मिल गया है। टी-20 क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ने के बाद पंड्या जल्द टीम के लिए तीनों फॉर्मेट में का अहम हिस्सा बन गए।
हालांकि साल 2018 में उन्हें एशिया कप के दौरान चोट लगी जिसके कारण उनके खेल पर भी असर पड़ा। इसके बाद उन्होंने फिर से ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम में वापसी लेकिन एक बार फिर उनका चोट उभर आया। लंबे इंतजार के बाद पंड्या ने डीवाई पाटिल टूर्नामेंट में अपनी फिटनेस को साबित कर एक बार फिर से वापसी की और विश्व कप टीम में जगह बनाने में सफल रहे लेकिन इसके बावजूद वह अपना असर नहीं छोड़ पाए।
पंड्या की काबिलयत को देखकर कई क्रिकेट पंडित उनकी तुलना दिग्गज कपिल देव से भी करने लगे लेकिन दुर्भाग्यवश जिस तरह से पंड्या को टीम इंडिया में मौका मिल रहा है उस तरह की निरंतरता उनके प्रदर्शन में देखने को नहीं मिल रहा है।