Happy B'day Yuvraj Singh: 12 साल से इस रिकॉर्ड पर कायम है युवराज की बादशाहत, जिसे तोड़ना है लगभग नामुमकिन
युवराज सिंह का बल्ला देखा जाए तो इंग्लैंड टीम के खिलाफ जमकर बरसता था। इसी कड़ी में उन्होंने 2007 विश्वकप में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड को अपना निशाना बनाया।
भारतीय क्रिकेट टीम के कभी स्टाईलिश बल्लेबाज रहे युवराज सिंह आज (12 दिसंबर 2019 ) अपना हैप्पी बर्थ डे यानी 38वां जन्मदिन मना रहे हैं। टीम इंडिया को दो-दो वर्ल्ड कप खिताब दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले युवराज हालांकि इन दिनों क्रिकेट से संन्यास के बाद भी काफी खुश हैं। 22 गज की पट्टी पर युवराज ( युवी ) ने कई ऐसे कीर्तिमान रचे जिसे आज तक कोई भी खिलाड़ी तोड़ नहीं पाया है। अपनी बल्लेबाजी से गेंद का धागा तक खोल देने वाले युवराज के आज उन्ही रिकार्ड्स के बारे में बतायेंगे जो क्रिकेट इतिहास की किताब में अभी तक अमर है।
12 साल पहले जब टी20 क्रिकेट ने आईसीसी के घर में जन्म लिया और पहला वर्ल्ड कप 2007 में खेला गया। जिसे युवराज सिंह ने अपने कारनामे से यादगार बना लिया। आईसीसी ने पहला टी20 विश्वकप 2007 में ही कराया था जिसमें टीम इंडिया ने खिताबी जीत हासिल की थी। इस विश्वकप में ही टीम इंडिया के युवराज ने एक ओवर में छह छक्के मारने के कीर्तिमान अपने नाम किया था। जिसे आज तक कोई भी बल्लेबाज अंतराष्ट्रीय टी20 क्रिकेट के इतिहास में दोहरा नहीं पाया है।
युवराज सिंह का बल्ला देखा जाए तो अंग्रेजों यानी इंग्लैंड टीम के खिलाफ जमकर बरसता था। इसी कड़ी में उन्होंने 2007 विश्वकप में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड को अपना निशाना बनाया। दरअसल, ब्रॉड के ओवर से पहले युवराज सिंह की एंड्रयू फ्लिंटॉफ से बहस हो गई थी, जिसके बाद सारा गुस्सा निकला ब्रॉड पर, उन्होंने अगले ओवर में ब्रॉड के एक ओवर की सभी छह गेंदों पर छक्के लगाए और इंटरनेशनल टी20 क्रिकेट में यह कमाल करने वाले पहले बल्लेबाज बने। युवी ने इसी दौरान मात्र 12 गेंदों में अर्द्धशतक पूरा किया। यह इंटरनेशनल टी20 क्रिकेट की सबसे तेज फिफ्टी हैं और यह रिकॉर्ड भी अभी तक कायम है। उन्होंने 12 गेंदों में 3 चौकों और 6 छक्कों की मदद से यह फिफ्टी पूरी की थी।
इतना ही नहीं युवराज सिंह अंडर-19 वर्ल्ड कप और 2011 विश्वकप टीम इंडिया को जीतने में 'मैन ऑफ द सीरीज' का खिताब जीतने वाले एकमात्र क्रिकेटर हैं। वे साल 2000 में श्रीलंका में हुए अंडर-19 वर्ल्ड कप में सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने भारत को वर्ल्ड कप दिलाने में अहम योगदान दिया था। वे मैन ऑफ द सीरीज चुने गए थे। भारत को 2011 में वनडे वर्ल्ड कप खिताब दिलाने में उनके योगदान को कोई भूल नहीं सकता है। उन्होंने 362 रन बनाने के साथ ही 15 विकेट भी लिए थे और वे इस वर्ल्ड कप में भी 'मैन ऑफ द सीरीज' चुने गए थे। भारत की 2007 टी20 वर्ल्ड कप की जीत में भी उनकी उल्लेखनीय भूमिका थी। इस तरह युवराज आज भी करोड़ों भारतीय फैंस के दिलों में राज करते हैं।
2011 विश्वकप के बाद की ख़ुशी युवराज के जीवन में ज्यादा दिनों तक नहीं रही और उसके बाद उन्हें पता चली की कैंसर जैसी बीमारी ने उन्हें घेर लिया है। हालांकि युवराज ने हार नहीं मानी और विदेश में जाकर उन्होंने ईलाज कराया, उसके बाद फिर क्रिकेट के मैदान में दमदार वापसी की। कैंसंर के दौरान युवराज क्रिकेट से कई सालो तक दूर रहे थे। जिसके बाद 2017 में युवराज एक बार फिर पूराने रंग में दिखाई दिए और उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 150 रनों की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली। माना जाए तो यही वो पारी है जिसमें युवराज आखिरी बार विंटेज रूप में नजर आये थे। उसके बाद युवराज का करियर ढलान की ओर अग्रसर हो गया और उन्हें अंत में क्रिकेट को अलविदा कहना पड़ा।
इस तरह युवी ने अपने इंटरनेशनल करियर में 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 टी20 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने कुल 11778 इंटरनेशनल रन बनाए और 148 विकेट लिए। इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेकर युवी अब विदेशी लीग में हाथ आजमा रहे हैं। जहां पर उन्होंने हाल ही में दुबई में खेली गई टी10 लीग में अपनी टीम मराठा अरेबियंस को खिताब जीताया। इतना ही नहीं युवी को कनाडा में टी20 लीग में भी खेलते देखा गया था।