सचिन और सौरव की पैनी नजर से नहीं बच पाए थे हैंसी क्रोनिए, मैच रेफरी ने रोक दिया था मैच
आधुनिक क्रिकेट में तकनीक के बिना मैचों का आयोजन मुमकिन नहीं है लेकिन आज से ठीक 21 साल पहले एक क्रिकेट मैच के दौरान एक ऐसी तकनीक का इस्तेमाल हुआ था कि उसकी शिकायत करनी पड़ी और फिर बीच मैच में मैच रेफरी को मैदान पर उतर कर खेल को रुकवाना पड़ा।
आधुनिक क्रिकेट में तकनीक के बिना मैचों का आयोजन मुमकिन नहीं है लेकिन आज से ठीक 21 साल पहले एक क्रिकेट मैच के दौरान एक ऐसी तकनीक का इस्तेमाल हुआ था कि उसकी शिकायत करनी पड़ी और फिर बीच मैच में मैच रेफरी को मैदान पर उतर कर खेल को रुकवाना पड़ा।
तारीख थी 15 मई 1999 और स्थान था इंग्लैंड का होव स्थित काउंटी क्रिकेट ग्राउंड। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच 1999 आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप का दूसरा मुकाबला खेला जा रहा था।
तय समय पर टॉस हुआ जिसे भारत ने जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी वाली भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली पारी की शुरूआत करने मैदान पर आए। दूसरी तरफ हैंसी क्रोनिए के नेतृत्व में साउथ अफ्रीका की टीम भी फील्डिंग के लिए मैदान में उतर चुकी थी।
मैच की शुरूआत हुए कुछ ही समय बीता था कि मैदान पर एक अप्रत्याशित घटना देखने को मिली। दरअसल, सचिन और सौरव को मैच के बीच में आभास हुआ कि साउथ अफ्रीका के कप्तान हैंसी क्रोनिए और गेंदबाज एलेन डोनाल्ड अकेले खड़े होने के बावजूद किसी से बात कर रहे हैं। तब तक कमेंटेटर भी इसके बारे में बात करने लगे। इसके बाद जब टीवी स्क्रीन पर क्रोनिए और डोनाल्ड का चेहरा बार-बार दिखाया जाने लगा तो सब कुछ साफ हो गया।
दरअसल, क्रोनिए और डोनाल्ड के कानों में इयरपीस लगे हुए थे जिसकी मदद से वह बाहर किसी के साथ संपर्क में थे और लगातार बात कर रहे थे। ऐसा लग रहा था कि मैदान के बाहर बैठा कोई व्यक्ति उन्हें निर्देश दे रहा है। इस दौरान हैंसी और डोनाल्ड के कान बार-बार टीवी पर दिखाए जाने लगे जिनमें इयरपीस लगे हुए थे।
इस बीच सचिन और सौरव भी सारा माजरा समझ चुके थे और दोनों तुरंत मैदान में मौजूदा अंपायर स्टीव बकनर और डेविड शेफर्ड से इस बारे में बात की। अंपायर ने तुंरत क्रोनिए को बुलाया और इस बारें में सफाई मांगी। क्रोनिए ने भी सब कुछ साफ-साफ बता दिया कि वह इयरपीस के जरिए कोच बॉब वुल्मर से बात कर रहे हैं। इसके बाद अपांयर भी दुविधा में पड़ गए क्योंकि इस तरह की स्थिति के लिए क्रिकेट की रूल बुक में कुछ नहीं लिखा था। अपांयर ने तुंरत मैच रेफरी तलत अली से बात की लेकिन दुविधा की स्थिति अभी भी बरकरार थी क्योंकि इस बारें में उन्हें भी कोई जानकारी नहीं थी।
इसके बाद ड्रिंक्स ब्रैक में मैच रेफरी तलत अली मैदान में आए और हैंसी क्रोनिए से बात की। तलत अली ने बताया कि क्रोनिए ने भले ही क्रिकेट के किसी भी नियम को नहीं तोड़ा है लेकिन जो भी उन्होंने किया वह खेल के हिसाब से गलत है और उन्हें इयरपीस हटाने ही पड़ेंगे।
इस घटना के बाद मैच को फिर से शुरू किया गया और भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 50 ओवरों में 5 विकेट खोकर 253 रन बनाए। जवाब में साउथ अफ्रीका ने इस मैच को 47.2 ओवर में 4 विकेट शेष रहते जीत लिया। अफ्रीका ने भले ही ये मैच जीत लिया लेकिन उन्हें इस गलत हरकत के लिए काफी आलोचना का सामना करना पड़ा।
इस मैच के बाद पता चला कि मैच के दौरान इयरपीस के इस्तेमाल का आइडिया साउथ अफ्रीका के कोच बॉब वुल्मर का था। 1999 वर्ल्ड कप खत्म होने के बाद बूल्मर ने कोच के पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं, दूसरी तरफ इस घटना के एक साल बाद हैंसी क्रोनिए मैच फीक्सिंग मामलें में दोषी पाए गए और साल 2002 में एक विमान दुर्घटना में उनकी मौत हो गई।