भारत के सबसे विवादित कोच रहे ग्रैग चैपल ने धोनी को बताया दुनिया का सबसे बेहतरीन 'पावर हिटर' बल्लेबाज
भारत के पूर्व कोच ग्रेल चैपल धोनी से काफी प्रभावित थे और उनका मानना है कि उन्होंने धोनी जैसा पावर हिटर बल्लेबाज आज तक नहीं देखा है।
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ग्रेग चैपल का भारतीय क्रिकेट टीम के कोच के तौर पर कार्यकाल काफी विवादित रहा। चैपल के कार्यकाल में खास तौर टीम के सीनियर खिलाड़ी खासे नाराज थे। इसके पीछे का सबसे बड़ा कारण था चैपल का कोचिंग देने का अंदाज लेकिन उनके समय में ही टीम में कुछ चीजें ऐसी हुई जो आगे चलकर भारतीय क्रिकेट के लिए बेहतरीन हुआ। हालांकि उनके कार्यकाल में ही सौरव गांगुली जैसे दिग्गज को अपनी कप्तानी गंवानी पड़ गई थी।
भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कप्तानों में से एक और दो विश्व विजेता टीम के सदस्य रहे महेंद्र सिंह धोनी चैपल के कार्यकाल में ही अपना डेब्यू किया था। चैपल धोनी से काफी प्रभावित थे और उनका मानना है कि उन्होंने धोनी जैसा पावर हिटर बल्लेबाज आज तक नहीं देखा है।
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प्लेराइट फाउंडेशन के साथ फेसबुक पर बातचीत में चैपल ने कहा, ''मुझे याद है जब मैंने उसे पहली बार देखा था तो वह काफी अजीब लगा। वह उस समय में निश्चित रूप से भारत के सबसे उत्साही क्रिकेटरों में से एक था। वह असमान्य तरीके से गेंद पर प्रहार करता था। मैंने उसके जैसा पावर हिटर बल्लेबाज आज तक नहीं देखा।''
उन्होंने कहा, "मुझे श्रीलंका के खिलाफ 183 रनों की उसकी पारी याद है और वह उसका अंदाज बिल्कुल ही अलग था। यह बहुत ही बेहतरीन था। इसके बाद अगला मैच पुणे में खेला जाना था। मैंने उनसे पूछा कि आप हर गेंद को बाउंड्री पर मारने की कोशिश करने के बजाय मैदान पर ज्यादा क्यों नहीं खेलते हैं।
चैपल ने कहा, ''पुणे वनडे में हम 260 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रहे थे। हम अच्छी स्थिति में थे लेकिन धोनी इसके बावजदू हर गेंद पर बड़ा शॉट लगाने का प्रयास कर रहा था।''
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चैपल ने उस मैच की एक घटना को याद करते हुए कहा, ''हम लक्ष्य से 20 रन पीछे थे, तभी धोनी ने ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान 12वें खिलाड़ी के तौर पर टीम में शामिल आरपी सिंह से मुझ तक यह खबर पहुंचाई कि क्या वह बड़ा सॉट मार सकता है। मैंने धोनी को इसके जवाब में संदेशा भिजवाया कि वह ऐसा बिल्कुल ना करें जब तक कि मैच का स्कोर बराबरी तक नहीं आ जाता है लेकिन धोनी कहां मानने वाले थे उन्होंने अपने ही अंदाज में छक्का जड़ कर उस मुकाबले का अंत किया।''
उन्होंने कहा, ''मैं हमेशा से उसे मैच फिनिश करने की चुनौती देता था और उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ जाती थी। वह जब मैच को खतम कर के ड्रेसिंग रूम में आता था वह एक शानदार लम्हा होता था। मैंने उसके जैसा फिनिशर नहीं देखा है।