क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका के निदेशक ग्रीम स्मिथ का कहना है कि उनका बोर्ड आने वाले दिनों में यह पता लगाने का प्रयास करेगा कि वे अपने देश में ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ (बीएलएम) आंदोलन में कैसे प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं।
बता दें, दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद का मुद्दा काफी पुराना है। क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका की नीति के मुताबिक, देश की क्रिकेट टीम में अश्वेत क्रिकेटरों का पर्याप्त प्रतिनिधित्व है लेकिन 1970 में देश को अलग थलग किये जाने से पहले परिस्थितियां काफी अलग थी। उस समय टीम में केवल श्वेत खिलाड़ियों को ही शामिल किया जाता था।
दक्षिण अफ्रीका के तेज गेंदबाज लुंगी एनगिडी ने हाल ही में कहा था कि वह वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के क्रिकेटरों की तरह ही ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ आंदोलन का समर्थन करेंगे। वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच 8 जुलाई से शुरू हुई टेस्ट सीरीज में दोनों टीमों के खिलाड़ियों के शर्ट के कॉलर पर ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ (बीएलएम) का लोगो लगा हुआ है। यही नहीं टेस्ट सीरीज का आगाज होने से पहले दोनों ही टीमों ने खिलाड़ियों ने रंगभेद के खिलाफ अभियान को घुटने के बल बैठकर अपना समर्थन भी दिया।
सीएसए के क्रिकेट निदेशक ग्रीम स्मिथ ने कहा, ‘‘हम दुनिया भर में क्या चल रहा है और सीएसए में अपनी भूमिका को लेकर अच्छी तरह से वाकिफ हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लुंगी ने इसका बहुत अच्छा जवाब दिया जब उन्होंने कहा कि हम अपनी दुनिया में जीते हैं और मुझे लगता है कि यह महत्वपूर्ण है कि भविष्य में हम एकजुट होकर यह पता लगायें कि हम ब्लैक लाइव्स मैटर अभियान में अपनी भूमिका कैसे निभा सकते हैं और इसमें हम कैसे प्रभावी हो सकते हैं।’’
स्मिथ ने कहा, ‘‘इन चीजों को लेकर मेरा विश्वास है कि इसको लेकर सभी की राय जानना महत्वपूर्ण है। प्रत्येक टीम के माहौल और सीएसए के तौर पर हम इसे कैसे आगे बढ़ाते हैं इस पर चर्चा करना महत्वपूर्ण है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम मंडेला दिवस (18 जुलाई) पर 3 टीसी मैच खेलेंगे जहां हम चैरिटी के लिये काफी काम कर रहे हैं और यह बीएलएम अभियान में हमारा पहला मौका होगा। लेकिन जहां तक पुरुष और महिला टीमों का सवाल है तो इस पर चर्चा करना जरूरी है।’’
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