गौतम गंभीर ने किया खुलासा, किस तरह धोनी ने युवाओं के लिए सचिन, सहवाग और मुझे निकालने की कही थी बात
विश्व कप 2019 में महेंद्र सिंह धोनी अपनी फॉर्म से झुझते नजर आए, उनके बल्ले में ना गेंद आ रही थी और ना ही विकेट कीपिंग करते समय गेंद उनके ग्लव्स में चपक रही थी।
भारतीय टीम जबसे इंग्लैंड एंड वेल्स में खेले गए आईसीसी विश्व कप के सेमीफाइनल में हारकर बाहर हुई है तबसे सबकी निगाहें सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास पर टिकी हैं। जिसको लेकर बढती तमाम अटकलों के बीच धोनी ने वेस्टइंडेज दौरे पर ना जाकर अपनी पैरा रेजिमेंट के साथ दो माह के लिए ट्रेनिंग करने और क्रिकेट से दूर रहने का मन बनाया है।
ऐसे में धोनी के इस तरह दो माह तक क्रिकेट से दूर रहने और सेना की सेवा में जाने के बाद क्रिकेट दिग्गज गौतम गंभीर ने एक बड़ा बयान दिया है। जिसके चलते एक बार फिर धोनी के मामले ने तूल पकड़ लिया है।
गौरतलब है कि विश्व कप 2019 में महेंद्र सिंह धोनी अपनी फॉर्म से झुझते नजर आए, उनके बल्ले में ना गेंद आ रही थी और ना ही विकेट कीपिंग करते समय गेंद उनके ग्लव्स में चपक रही थी। 38 वर्षीय धोनी ने विश्व कप 2019 में खेले 9 मैचों की 8 पारियों में 45.50 की औसत से 273 रन बनाए, जिसमें 2 अर्धशतक शामिल रहे। इस दौरान धोनी को अपनी धीमी बल्लेबाजी के लिए काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी। इतना ही नहीं वो इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा बाई के रन लुटाने वाले विकेटकीपर रहे।
इस तरह धोनी के लचर प्रदर्शन के बाद हाल ही में एक टीवी शो को दिए इंटरव्यू में गौतम गंभीर ने धोनी को लेकर एक विवादित वाक्या याद दिलाया, जब 2012 में ऑस्ट्रेलिया में खेली जा रही ट्राई सीरीज के दौरान धोनी ने साफ़ तौर सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर इन तीनों को एक साथ ना खिलाने की बात कही थी।
गंभीर ने खुलासा करते हुए कहा, 'ट्राई सीरीज में धोनी ने कहा था कि वो हम तीनों (सचिन, सहवाग, गंभीर) को एक साथ नहीं खिला सकता क्योंकि वो 2015 वर्ल्ड कप की तैयारी कर रही है। ये बड़ा झटका था, मुझे लगता है कि किसी भी क्रिकेटर के लिए ये तगड़ा झटका होता।'
गंभीर ने आगे कहा, 'मैंने कभी ऐसा नहीं सुना था कि किसी को 2012 में ये कह दिया गया हो कि वो 2015 वर्ल्ड कप का हिस्सा नहीं होंगे। मेरे मन में हमेशा यही बात थी कि अगर आप लगातार रन बनाते रहेंगे तो उम्र तो केवल एक नंबर है।'
इसके आगे गंभीर ने धोनी के इस फैसले की वजह बताते हुए कहा कि वो 2015 वर्ल्ड कप के लिए युवाओं को तैयार करना चाहते थे। गंभीर ने यह भी कहा कि चयनकर्ताओं को धोनी के भविष्य पर फैसला लेना चाहिए।
गंभीर ने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया में जब हमे एक जीत की बेहद जरूरत थी, तो मुझे याद है कि होबार्ट में, वीरू और सचिन ने ओपनिंग की थी और मैं नंबर तीन पर खेला था और विराट चार पर। भारत वो मैच जीत गया था और हमने 37 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया।सीरीज की शुरुआत में हम एक साथ नहीं खेले थे, हमे रोटेट किया जा रहा था। जब जीत की बेहद जरूरत थी, तब एमएस ने हम तीनों को खिलाया।'
गंभीर ने कहा, 'अगर आपने कोई फैसला किया है तो उस पर टिके रहे। आपने पहले से जो सोच लिया है, उससे पीछ ना हटें।'
बता दें कि गौतम गंभीर ने विश्व कप 2011 फ़ाइनल में 97 रन की मैच जीताऊ पारी खेली थी। जिसे भारतीय फैन्स हमेशा याद रखेंगे। इतना ही नहीं करियर की बात करें तो उन्होंने अंतरराष्ट्रीय करियर में 58 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया और 41.95 की औसत से 4154 रन बनाए, जिसमें नौ शतक शामिल हैं। जबकि गंभीर ने 147 वनडे इंटरनेशनल में 39.68 की औसत से 5238 रन बनाए।