इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के खिलाफ पूर्व अंपायरों जॉन होल्डर और इस्माइल दाउद ने अपने कार्यकाल के दौरान कथित नस्लीय पक्षपात के आरोप में मुकदमा कर दिया है । दोनों ने ईसीबी पर संस्थागत नस्लवाद में लिप्त होने का आरोप लगाया और देश में देशज अल्पसंख्यक समूहों के मैच अधिकारियों की कमी की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की। ‘द गार्डियन ’ की रिपोर्ट के अनुसार ,‘‘होल्डर ने क्रिसमस से दो दिन पहले रोजगार ट्रिब्यूनल के लंदन कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई ।’’ हैंपशर के पूर्व क्रिकेटर होल्डर ने तीन दशक के अपने कैरियर में 11 टेस्ट और 19 वनडे में अंपायरिंग की।
रिपोर्ट के अनुसार ,‘‘ ईसीबी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई 1983 से 2009 के बीच उसके प्रथम श्रेणी अंपायर ने की है । होल्डर को 1991 में ईसीबी के टेस्ट मैचों से हटा दिया गया था । उन्होंने इससे कुछ सप्ताह पहले ही वेस्टइंडीज के खिलाफ ओवल पर एक टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाड़ी द्वारा कथित तौर पर गेंद से छेड़खानी की शिकायत की थी।’’ होल्डर और पूर्व अंडर 19 क्रिकेटर दाउद ने ईसीबी से मुआवजे की मांग की है । नार्थम्पटनशर, वोर्सेस्टरशर , ग्लेमोर्गन और यार्कशर के लिये खेल चुके दाउद अंपायरिंग में कैरियर नहीं बना सके क्योंकि उन्हें पेनल में शामिल नहीं किया गया।
उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे कहा गया कि एक साल में पेनल में डाल दिया जायेगा लेकिन ऐसा हुआ नहीं । छह बार मुझसे जूनियर को प्रमोशन दे दिया गया। मुझे आज तक पता नहीं चला कि ऐसा क्यों किया गया। मुझे जिस तरह के उत्पीड़न और शोषण से गुजरना पड़ा, वह भयावह है ।’’ वहीं ईसीबी के एक प्रवक्ता ने जवाब में कहा ,‘‘ हमें इन दावों की विस्तार से जानकारी नहीं है तो हम टिप्पणी नहीं कर सकते । ईसीबी खेल में किसी तरह के पक्षपात को दूर रखने को लेकर प्रतिबद्ध है।’’
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