वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल को खत्म हुए एक हफ्ते से भी ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन पूर्व क्रिकेटर और इस खेल के पंडित अभी भी इस महामुकाबले पर चर्चा और विश्लेषण करने में लगे हुए है। इसी कड़ी में अब भारतीय पूर्व चयनकर्ता एमएसके प्रसाद भी जुड़ चुके हैं। प्रसाद ने हाल ही में रविंद्र जडेजा के WTC फाइनल खेलने पर कहा कि अगर भारत के पास हार्दिक पांड्या होते तो जडेजा की इस प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं बनती।
फाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ जडेजा ने 31 रन बनाने के साथ-साथ एक विकेट लिए था। इसके बाद सवाल उठने लगे थे कि क्या जडेजा की जगह भारत किसी स्पेशलिस्ट बल्लेबाज को प्लेइंग इलेवन में मौका दे सकता था?
WTC फाइनल में रविंद्र जडेजा को प्लेइंग इलेवन में जगह क्यों मिली, इसके बारे में बताते हुए एमएसके प्रसाद ने स्पोर्ट्स कीड़ा से कहा "जडेजा को खिलाने का कारण था कि अगर खेल पूरा होता तो पिच पर बहुत से फुटमार्क्स होते और न्यूज़ीलैंड के पास कई बाएं हाथ के खिलाड़ी थे जिन्हें जडेजा परेशान कर सकते थे। अगर आप वास्तव में देखें तो वहां स्पिन थी और अश्विन को मदद मिली थी।"
उन्होंने आगे कहा "इसके अलावा जडेजा जिस तरह की फॉर्म में है उसे देखते हुए, वह सबसे अच्छी संभावित एकादश थी जिसे हम रख सकते थे। पहला दिन बारिश के कारण धुला, लेकिन रिजर्व डे होने की वजह से खेल 5 दिन का होना था, इस वजह से हर किसी को उम्मीद थी कि जडेजा निश्चित रूप से काम में आएंगे।"
पूर्व चयनकर्ता ने इसी के साथ कहा कि अगर इस टीम में हार्दिक पांड्या होते तो कोई दूसरा विचार नहीं होता।
प्रसाद ने कहा "जडेजा बल्ले से किसी से कम नहीं हैं। अगर आप उनका हाल का टेस्ट रिकॉर्ड देखें, तो वह बल्ले से बहुत अच्छे रहे हैं। साथ ही वह गेंद और फील्डिंग से भी टीम का फायदा देते हैं। अगर हार्दिक पांड्या होते तो कोई दूसरा विचार नहीं होता। चूंकि वह नहीं है, इसलिए हमें एक और ऑलराउंडर चाहिए था और हमारे पास केवल एक स्पिनिंग ऑलराउंडर था।"
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