राजकोट| पूर्व कप्तान शांता रंगास्वामी का मानना है कि समय आ गया है कि हरमनप्रीत कौर कप्तानी में अपने भविष्य को लेकर फैसला करे क्योंकि भारतीय महिला टीम के लिए वह कप्तान से अधिक बल्लेबाज के रूप में महत्वपूर्ण है। एक अन्य पूर्व महिला क्रिकेटर डायना एडुल्जी ने टी20 विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एकतरफा हार के बाद ‘आत्मविश्लेषण’ की सलाह दी जबकि पूर्व कोच तुषार अरोठे ने तीसरे नंबर पर तानिया भाटिया को भेजने के फैसले पर सवाल उठाए।
पहली बार टी20 विश्व कप के फाइनल में जगह बनाने वाली भारत की 85 रन की हार के बाद शांता ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं बेहद निराश हूं कि स्मृति (मंधाना), जेमिमा (रोड्रिग्ज), हरमनप्रीत (कौर) जैसी बेहद स्तरीय बल्लेबाज बिलकुल भी नहीं चल पाईं। हरमनप्रीत, स्मृति, जेमिमा और वेदा लगातार विफल रहीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘शेफाली ने ही उम्दा योगदान दिया जबकि अन्य खिलाड़ी सिर्फ कुछ उपयोगी पारियां खेल पाईं जो विश्व खिताब जीतने के लिए पर्याप्त नहीं था।’’ हरमनप्रीत की कप्तानी पर भी सवाल उठे जो टी20 विश्व कप में 4, 15, 1, 8 और दो रन की पारियां ही खेल पाईं।
शांता ने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि उसे पता है कि कब कप्तानी छोड़नी है और समय आ गया है कि वह कप्तानी की समीक्षा करे।’’ टी20 विश्व कप से पहले त्रिकोणीय विश्व कप में भारतीय टीम की फिटनेस की आलोचना करने वाली डायना ने कहा कि फाइनल में बार के बाद आत्मविश्लेषण की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘उनके प्रति कड़ा रवैया अपनाने की जरूरत नहीं है। टूर्नामेंट में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। हम सेमीफाइनल में हार के क्रम को तोड़ने में सफल रहे। इस हार से दिखाया कि टी20 हमारा मजबूत पक्ष नहीं है, एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट हमारा मजबूत पक्ष है।’’
डायना ने कहा, ‘‘यह समय है कि हम अपने मजबूत और कमजोर पक्षों पर आत्मविश्लेषण करें और अभ्यास में इसे लागू करें क्योंकि 50 ओवर का विश्व कप (अगले साल) आने वाला है।’’ विश्व कप 2017 के फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ भारत की हार के दौरान टीम के कोच रहे अरोठे ने तानिया को तीसरे नंबर पर भेजने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘आप तानिया को तीसरे नंबर पर नहीं भेज सकते क्योंकि वह बड़ी हिटर नहीं है। अगर आप पहले छह ओवर का फायदा उठाना चाहते हैं तो बड़े हिटर को भेजिए।’’
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