अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के एलीट पैनल के पूर्व अंपायर डेरिल हार्पर ने अंपायरों के फैसले की समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) के विवादास्पद ‘अंपायर्स कॉल’ पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव देते हुए कहा कि एक दशक से अधिक समय तक इस्तेमाल के बावजूद इससे जुड़े संवाद या समझ को लेकर कमियां हैं।
‘अंपायर्स कॉल’ मुख्य रूप से उस समय तस्वीर में आता है जब एलबीडबल्यू के फैसले के लिए रिव्यू मांगा जाता है। इस स्थिति में अगर मैदानी अंपायर ने बल्लेबाज को नॉटआउट दिया है तो रिव्यू में स्टंप पर गेंद लगती हुए दिखने के बावजूद टीवी अंपायर के पास फैसले को बदलने का अधिकार नहीं होता।
गेंदबाजी टीम के लिए एकमात्र सांत्वना यह होती है कि उसका रिव्यू बरकार रहता है। सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने हार्पर के हवाले से कहा, ‘‘मैंने अंपायर्स कॉल काफी देख ली। अंपायर कॉल को प्रतिबंधित कर दो। विवाद से छुटकारा पाओ और इससे पीछा छुड़ो लो। स्टंप से किसी भी संपर्क पर बेल्स गिरती हैं। इसका 48 प्रतिशत, 49 प्रतिशत से कोई लेना देना नहीं है।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘तथ्य यह है कि ये 12 साल से चल रहा है और लोग अब भी हैरान हैं और खिलाड़ी भी अब भी परेशान हैं, लगता है कि संवाद या इसकी समझ को लेकर कई कमियां हैं।’’
हार्पर ने कहा कि इस प्रणाली में कमियां हैं और उन्होंने आईसीसी से इसकी विस्तृत समीक्षा की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘आईसीसी की ओर से कुछ गंभीर काम किए जाने की जरूत हैं क्योंकि हमें अंपायरों के फैसलों पर बात नहीं करनी चाहिए।’’
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