इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एंड्रयू स्ट्रॉस वित्तीय संकट से जूझ रहे क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पद की दौड़ में शामिल हो गये हैं। हाल में केविन राबर्ट्स के त्यागपत्र के बाद यह पद खाली पड़ा हुआ है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद से ही वित्तीय संकट से जूझ रहा है।
इससे निबटने के लिये राबर्ट्स ने अप्रैल में 80 प्रतिशत स्टाफ कम कर दिया था। उन्होंने प्रांतों की अनुदान राशि में कमी कर दी थी और वह खिलाड़ियों के साथ नये भुगतान करार पर काम कर रहे थे।
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राबर्ट्स के कुछ फैसलों की कड़ी आलोचना भी हुई। ‘द ऑस्ट्रेलियन’ की रिपोर्ट के अनुसार क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के एक प्रभावशाली व्यक्ति ने स्ट्रऑस से इस पद के लिये आवेदन करने को कहा है।
स्ट्रॉस इससे पहले 2015 से 2018 तक इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के निदेशक रह चुके हैं। राबर्ट्स के त्यागपत्र देने के बाद इंग्लैंड में जन्में निक हॉकले को अंतरिम सीईओ नियुक्त किया गया लेकिन संचालन संस्था पूर्णकालिक सीईओ की तलाश में है।
स्ट्रॉस ने 100 टेस्ट में 7037 रन और 127 वनडे में 4205 रन बनाये। उन्हें इंग्लैंड क्रिकेट की सेवाओं के लिये नाइट की उपाधि से सम्मानित भी किया गया है। इंग्लैंड की तरफ से खेलने से पहले स्ट्रॉस 1998-99 में सिडनी यूनिवर्सिटी के लिये खेला करते थे।
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स्ट्रॉस की उम्मीद्वारी पर लोगों की मिश्रित प्रतिक्रिया हो सकती है क्योंकि उन्होंने 2005, 2009 और 2010-11 के एशेज अभियान में इंग्लैंड की तरफ से अहम भूमिका निभायी थी।
दक्षिण अफ्रीका में जन्में इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने ईसीबी निदेशक के रूप में इंग्लैंड क्रिकेट की संस्कृति को बदलने में भी अहम भूमिका निभायी। उन्होंने कैंसर से पीड़ित अपनी पत्नी रूथ मैकडोनाल्ड के साथ समय बिताने के लिये 2018 में अपना पद छोड़ दिया था। उसी साल उनकी पत्नी का निधन भी हो गया था।
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