नयी दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे सफल कोच गैरी कर्स्टन को लगता है कि उनके उत्तराधिकारी डंकन फ्लेचर को भारतीय टीम में सहज बदलाव लाने का श्रेय दिया जाना चाहिए। भारतीय टीम के 2011 में एकदिवसीय विश्व कप जीतने के बाद कर्स्टन की जगह फ्लेचर भारतीय टीम के कोच नियुक्त हुए थे। उनके चार साल के कार्यकाल के दौरान सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेन्द्र सहवाग और जहीर खान अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर थे।
कर्स्टन ने पीटीआई से कहा, ‘‘मुझे लगता है डंकन फ्लेचर और महेन्द्र सिंह धोनी ने युवा खिलाड़ियों के खेल में निखार लाने के लिए ऐसा माहौल बनाया जिससे उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की चुनौतियों से निपटने का फायदा मिला।’’
उन्होंने कहा कि आम तौर पर आंकड़ों किसी की सफलता का पैमाना होते है लेकिन कर्स्टन को लगता है कि कई अमूर्त चीजें पीछे छूट जाती है। उन्होंने कहा, ‘‘हर किसी के कोचिंग का तरीका अलग होता है और जरूरी नहीं की हर माहौल में कोई सहज रहे। आमतौर पर कोच की सफलता का आकलन टीम के प्रदर्शन से होता है, लेकिन उससे बड़ी चीज यह है कि खिलाड़ी पर कोच का कितना प्रभाव पड़ता है।’’
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