Exclusive| 2020 में टीम इंडिया को अगर जीतना है टी20 विश्वकप तो धोनी को आना होगा वापस- मोंटी पनेसर
टीम इंडिया के लिए स्पिन गेंदबाज समस्या बने हुए हैं। पिछले एक साल से टीम मैनेजमेंट ने 7 स्पिन गेंदबाज को टी20 मैदान में ट्राई किया है।
विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम इंडिया की नजर मिशन 2020 में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्वकप पर है। जिसको लेकर टीम मैनेजमेंट भी काफी जोरो-शोरों से तैयारियां कर रहा है। ऐसे में अगले साल अक्टूबर माह में खेले जाने वाले विश्वकप से पहले टीम इंडिया के पास लगभग 8 से 9 अंतराष्ट्रीय टी20 मैच बचे है। जिसमें कप्तान कोहली के लिए ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर विनिंग प्लेइंग इलेवन तैयार करना सबसे बड़ा चैलेंज साबित हो सकता है। इतना ही नहीं टीम इंडिया के कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी की वापसी पर भी सबकी निगाहें टिकी हैं।
इसी बीच इंग्लैंड के स्पिन गेंदबाज मोंटी पनेसर ने इकामरा स्पोर्ट्स लिटरेचर फेस्टिवल में इंडिया टी. वी. से हुई ख़ास बातचीत में बताया कि धोनी की वापसी टीम इंडिया के लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं। उनके बिना टीम इंडिया का 2020 में टीम इंडिया का विश्वकप जीतने का सपना अधूरा भी रह सकता है।
इस तरह टीम इंडिया के पूर्व कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी के बारे में मोंटी ने कहा, "टीम इंडिया को अगर ऑस्ट्रेलिया में विश्वकप जीतना है तो धोनी को ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्वकप में जरूर टीम का हिस्सा होना होगा।"
वहीं टी20 विश्वकप से पहले टीम इंडिया के लिए स्पिन गेंदबाज समस्या बने हुए हैं। पिछले एक साल से टीम मैनेजमेंट ने 7 स्पिन गेंदबाज को टी20 मैदान में ट्राई किया है। कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की 'कुलचा' जोड़ी टूटने के बाद रविंद्र जडेजा, वाशिंग्टन सुन्दर, क्रुणाल पांड्या, राहुल चाहर और एक मैच के लिए मयंक मार्कंडे को भी मौका मिला था। ऐसे में टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया दौरे के लिए अपने विकेट टेकिंग स्पिन गेंदबाजों को चुनना बड़ा चैलेन्ज होगा।
इसी बीच इंग्लैंड के स्पिन गेंदबाज मोंटी पनेसर ने इकामरा स्पोर्ट्स लिटरेचर फेस्टिवल में इंडिया टी। वी। से हुई ख़ास बातचीत में बताया कि ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर कौन से स्पिनर्स ज्यादा प्रभावशाली होंगे व विराट कोहली को किस तरह की टीम मैदान में उतारनी चाहिए।
मोंटी ने ऑस्ट्रेलिया में कलाई या फिंगर कौन से स्पिनर ज्यादा विकेट लेंगे इस बारे में बताते हुए कहा, "मेरे ख्याल से ऑस्ट्रेलिया में कलाई के जादू वाले स्पिन गेंदबाजों ( युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव ) की तुलना में फिंगर स्पिनर ( रविंद्र जडेजा और आर। आश्विन ) ज्यादा प्रभावशाली होंगे। आप एक कलाई के स्पिनर और एक फिंगर स्पिनर के साथ मैदान में उतर सकते हैं।"
इतना ही नहीं आगे मोंटी ने जडेजा-अश्विन की जोड़ी की तारीफ करते हुए कहा, "मैं व्यक्तिगत तौर पर जडेजा-अश्विन को टी20 में वापस देखना चाहता हूँ। हालांकि ये मुश्किल है। लेकिन मेरे विचार से एक कलाई के स्पिनर या फिर दो कलाई से स्पिन गेंदबाजों के साथ टी20 विश्वकप में जाना मुश्किल भरा कदम हो सकता है।"
वहीं कुलदीप और चहल की 'कुलचा' जोड़ी के बारे में मोंटी ने कहा, "इसमें कोई शक नहीं है कि उन दोनों ने अच्छा नहीं किया है। टीम इंडिया को घर ही नहीं बल्कि विदेश में भी वनडे मैच जीताए हैं लेकिन टी20 में आपको बल्लेबाजी भी चाहिए होती है। ऐसे में अश्विन और जडेजा के पास बल्लेबाजी भी पर्याप्त है जिससे टीम को मजबूती मिल सकती है। हालांकि टीम इंडिया चारों को विश्वकप में ले जा सकती है लेकिन दो कलाई के स्पिनर्स के साथ ऑस्ट्रेलिया में मैदान में नही उतरना चाहिए।"
इस तरह टीम इंडिया को विश्वकप से पहले बचे कुछ मैचों में ही जल्द से जल्द अपने विकेट टेकिंग स्पिन गेंदबाजों का चयन करना होगा जिससे आगामी विश्वकप से पहले मजबूत प्लेइंग इलेवन तैयार हो सके।
बता दें कि मोंटी पनेसर इन दिनों भारत में हैं और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इकामरा स्पोर्ट्स लिटरेचर फेस्टिवल में अपनी ऑटोबायोग्राफी 'द फुल मोंटी' के लॉन्च के लिए आए हैं। अपनी किताब में पनेसर ने अपने क्रिकेट करियर के अलावा उस दौर का भी जिक्र किया है जब वो मानसिक बीमारी से जूझ रहे थे।