Exclusive : बायो बबल में रहना एक मानसिक चुनौती है- मोहम्मद शमी
इंग्लैंड दौरे पर जाने से पहले शमी ने इंडिया टीवी के साथ खास बातचीत करते हुए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइलन मुकाबले के लिए चुनौतियों पर बात की।
भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी चोट से उबरने के बाद इंग्लैंड में खेलने जाने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। शमी को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चोट लगी थी जिसके कारण वह इंग्लैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में नहीं खेल पाए थे। हालांकि इस चोट से उबरने के बाद वह इंडियन प्रीमियर लीग में पंजाब किंग्स के लिए मैदान पर उतरे।
इसके बाद उनका चयन इंग्लैंड में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेले जाने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिए भारतीय टीम में हुआ है। टीम कुछ ही दिनों में इंग्लैंड के लिए रवाना होगी लेकिन उससे पहले सभी खिलाड़ी मुंबई में कुछ समय के लिए क्वारंटीन में रहेंगे। इसके बाद इंग्लैंड पहुंचने पर भी खिलाड़ी लगभग 10 लिए क्वारंटीन में रहेंगे और उसके बाद टीम को 18 से 22 जून के बीच साउथम्पटन में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल मुकाबला खेलना है।
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इस दौरे पर जाने से पहले शमी ने इंडिया टीवी के साथ खास बातचीत करते हुए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइलन मुकाबले के लिए चुनौतियों पर बात की। इसके अलावा कोरोना काल में बायो बबल के कारण होने वाले मानसिक रूप से दिक्कतों पर भी खुलकर अपनी बात रखी।
उन्होंने कहा, ''मौजूदा समय में बायो बबल में रहना काफी चुनौतीपूर्ण है। इस दौरान हम पूरी तरह से खुद को होटल के एक कमरे में बंद कर लेते हैं। पहले की तरह ग्रुप ट्रेनिंग भी नहीं कर पाते हैं। ऐसे में हम सब के लिए यह एक बड़ी चुनौती हैं।''
शमी ने कहा, ''पहले जैसा माहौल अब नहीं रहा। खिलाड़ियों को मैदान के अंदर और बाहर दोनों जगह चुनौतियों का सामना करना पड़ता हैं। कोरोना संक्रमण ने पूरी तरह से अब हमारी आदतों को बदलकर रख दिया है।''
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आपको बता दें कि दुनिया में जब से कोरोना महामारी ने दस्तक दी है क्रिकेट का खेल पूरी तरह से बदल गया। इस महामारी के कारण मौजूदा समय में ना तो स्टेडियम में मौजूद फैंस का शोर सुनाई देता है और ना उस तरह का उमंग देखने को मिलता है जो कोरोना काल से पहले थे। ऐसे में अब इस खेल में कई तरह के परिवर्तन देखने को मिल रहा है।
इस परिवर्तन में मुख्य रूप से खिलाड़ियों का बायो बबल में रहना एक बेहद ही चुनौतीपूर्ण कार्य हो गया है। इस दौरान वह पूरी तरह से खुद को होटल के एक कमरे में कुछ समय के लिए बंद कर लेते हैं जहां सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध होती है।
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