समझ नहीं आ रहा कैसे मिलेगी टीम में जगह, एक मौका तो दे दो! टीम में ना चुने जाने के बाद टूटा मनोज तिवारी के सब्र का बांध
मनोज तिवारी ने पिछले घरेलू सीजन में रिकॉर्ड औसत के साथ रन बनाए थे।
भारतीय क्रिकेट टीम में किसी भी खिलाड़ी के लिए जगह बना पाना बेहद मुश्किल होता है। टीम में इतनी प्रतिस्पर्धा है कि अगर कोई खिलाड़ी 1-2 मैच में भी फ्लॉप होता है तो उसे टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। हाल ही में सेलेक्टर्स ने इंडिया ए, इंडिया ब्लू की टीम का ऐलान किया और इसमें कई बड़े खिलाड़ियों को जगह नहीं दी गई। उन्हीं बड़े खिलाड़ियों में शामिल रहे मनोज तिवारी। 32 साल के मनोज तिवारी भारत के लिए 12 वनडे और 3 अंतरराष्ट्रीय टी20 खेल चुके हैं लेकिन वो भारतीय टीम में कभी अपनी जगह पक्की नहीं कर सके हैं। इंडिया ए की टीम में जगह ना मिलने से मनोज बेहद निराश दिखाई दिए और उनका दर्द छलक उठा। मनोज तिवारी ने कई बड़े बयान दिए और यहां तक कह दिया मुझे सिर्फ एक मौका तो दे दो। मनोज तिवारी ने 2017-18 सीजन में रिकॉर्ड रन बनाए थे लेकिन इसके बावजूद उन्हें टीम में नहीं चुना गया और इस कारण उनके सब्र का बांध टूट गया। आइए आपको बताते हैं टीम में जगह ना मिल पाने के बाद इमोश्नल होकर मनोज तिवारी ने क्या कुछ कहा। (Also Read: Live Streaming Cricket, Essex vs India Live Cricket Score : भारत को दूसरा झटका लगा, चेतेश्वर पुजारा आउट)
भारत के लिए खेलना है सपना: मनोज तिवारी ने कहा कि मेरा सपना भारत के लिए खेलना है। लेकिन मैं एक-एक कदम बढ़ाना चाहता हूं। सही मायनों में फिलहाल भारत की राष्ट्रीय टीम में जगह बना पाना बेहद मुश्किल है लेकिन मुझे कम से कम इंडिया ए की टीम में तो चुना ही जा सकता था। साथ ही मुझे कभी राहुल द्रविड़ की निगरानी में खेलने का मौका नहीं मिला और इसलिए मैं उनके साथ भी खेलना चाहता हूं।
भारतीय टीम में सेलेक्शन कैसे होगा समझ नहीं आ रहा: मनोज तिवारी ने ये भी कहा कि अगर आईपीएल में शानदार खेल दिखाने से टीम इंडिया में जगह मिलती है तो मैंने साल 2017 के आईपीएल में जमकर रन बनाए थे। लेकिन इसके बावजूद मुझे टीम में नहीं चुना गया। मुझे समझ ही नहीं आ रहा कि टीम में सेलेक्शन का पैमाना क्या है। (Also Read: प्रैक्टिस मैच में पहली गेंद पर आउट हुए शिखर धवन, पहले टेस्ट से कट सकता है पत्ता)
अभी भी टीम में चुने जाने की आस: मनोज तिवारी ने भारत के लिए खेलने की आस अभी भी नहीं छोड़ी है। मनोज ने कहा, 'मैं अभी भी भारत के लिए खेलने को लेकर आशान्वित हूं। मैं फील्ड में तेज हूं, मैं खेल के हालात को अच्छे से समझता हूं। मेरा अभी भी मानना है कि मैं टीम में वापसी कर सकता हूं। मैं अंबाती रायडू और सुरेश रैना की तरह मजबूत बनना चाहता हूं। मुझे पता है कि टीम में जगह कैसे बनानी है। बस मुझे एक मौके की जरूरत है। मैं किसी चोटिल खिलाड़ी की जगह पर टीम में शामिल नहीं होना चाहता बल्कि मैं अपनी काबिलियत के दम पर टीम में जगह बनाना चाहता हूं।'
इंडिया ए की टीम में चुने जाने की उम्मीद थी: मनोज तिवारी ने कहा कि मैं उम्मीद कर रहा था कि मुझे इंडिया ए की टीम में जरूर चुना जाएगा। जब कोई खिलाड़ी बेहतरीन खेल दिखाता है तो उसे इसका इनाम दिया जाना चाहिए। मैंने पिछले सीजन में रिकॉर्ड औसत के साथ रन बनाए थे। मैंने वो रिकॉर्ड बनाया जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में कोई खिलाड़ी नहीं बना पाया।
आपको बता दें कि मनोज तिवारी ने साल 2017-28 घरेलू सीजन में 126.70 की औसत से 507 रन बनाए थे जो कि भारतीय क्रिकेट इतिहास में सबसे ज्यादा की औसत से रन बनाने का रिकॉर्ड है।
उम्र सिर्फ आंकड़ा है: मनोज तिवारी से जब पूछा गया कि वो 32 साल के हो चुके हैं। तो इस पर उन्होंने जवाब दिया कि उम्र महज ये आंकड़ा है और ये कई बार साबित भी हो चुका है। तिवारी ने कहा, 'दुनियाभर में हर कोई जानता है कि उम्र महज एक आंकड़ा है। 32 साल की उम्र ज्यादा नहीं होती। सबने सुना था जब आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की टीम के खिलाड़ियों की उम्र पर सवाल खड़े हो रहे थे तो एम एस धोनी ने क्या जवाब दिया था। खिलाड़़ियों को उनकी तेजी और फॉर्म से आंकना चाहिए ना कि उम्र से।'