तो अब इस वजह से नहीं होगी विराट की तुलना स्टीव स्मिथ से
विराट कोहली और स्टीव स्मिथ में बेस्ट कौन? अगर आज के बाद कोई भी, कहीं भी, कभी भी आपके ये सवाल पूछे तो उससे साफ साफ कह दीजिएगा.... काबिल और बेईमान में तुलना कभी नहीं होती।
विराट कोहली और स्टीव स्मिथ में बेस्ट कौन? अगर आज के बाद कोई भी, कहीं भी, कभी भी आपके ये सवाल पूछे तो उससे साफ साफ कह दीजिएगा.... काबिल और बेईमान में तुलना कभी नहीं होती। कामयाबी और काली करतूत को साथ कभी नहीं जोड़ा सकता। मौजूदा वक्त में विराट कोहली और स्टीव स्मिथ में कौन सर्वश्रेष्ठ है। इसपर जबरदस्त बहस होती थी। हर कोई अलग अलग आंकड़ों की जुबानी अपनी कहानी को महानतम बताता था लेकिन केपटाउन टेस्ट में जो साजिश स्मिथ ने रची। उसने स्मिथ का स्तर बहुत गिरा दिया है। ऐसा नहीं है कि दक्षिण अफ्रीकी दौरे में जाने वाले स्टीव स्मिथ पहले कप्तान हैं। ऑस्ट्रेलिया से पहले टीम इंडिया ने द.अफ्रीका का दौरा किया था।
शुरुआती 2 टेस्ट में भारत को भी हार मिली थी लेकिन विराट ने बेईमानी का रास्ता नहीं चुना। कामयाबी के लिए कोहली ने क्रिकेट के संस्कारों को नहीं बेचा बल्कि उन्होंने लड़कर नया इतिहास रचा। भारत ने टेस्ट सीरीज 1-2 से गंवाई लेकिन वनडे सीरीज 5-1 से जीती। फिर 2-1 से टी-20 सीरीज जीती।
इस ऐतिहासिक जीत के हीरो खुद कप्तान विराट कोहली थे। जिन्होंने दुनिया को दिखाया क्यों स्मिथ कभी विराट नहीं बन सकते। मौजूदा सीरीज में स्मिथ ने 3 टेस्ट की 6 पारियों में महज 23.66 की औसत से 142 रन बनाए सिर्फ एक अर्धशतक के साथ।
जाहिर है जब खुद कप्तान का बल्ला खामोश होता है जब कप्तान पहले ही हार मान जाता है तो वो मैदान पर साजिश रचता है। वहीं विराट को देखिए अकेले उन्होंने अफ्रीका दौरे की तकदीर बदल दी थी। विराट ने 3 टेस्ट में 47.66 की औसत से 286 रन बनाए। जिसमें एक शतक और एक अर्धशतक शामिल है। कोहली सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज भी थे। वनडे में तो विराट ने 186.00 की जादुई औसत से 558 रन बनाए। 3 शतक और 1 अर्धशतक से साथ।
जाहिर है विराट के आक्रमक तेवर पर तमाम सवाल उठते हैं। उनके गुस्से पर बवाल होता हैं लेकिन मैदान पर बेईमानी से लाख बेहतर है देश के लिए जोश दिखाना।