घरेलू क्रिकेट ने तेज गेंदबाजों को बेहतर होने में बहुत मदद की : भरत अरुण
अरुण ने दूसरे मैच से दो दिन पहले यहां संवाददाताओं से कहा, "दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में बेहतरीन बल्लेबाजी की। दूसरी पारी में शमी की गेंदबाजी को मदद मिली और फिर उन्होंने दमदार स्पेल की।"
पुणे। भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने मंगलवार को कहा कि टीम में मौजूद सभी तेज गेंदबाज रिसर्व स्विंग कराने का माद्दा रखते हैं। मोहम्मद शमी ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विशखापट्टनम में खेले गए पहले टेस्ट मैच की दूसरी में शानदार गेंदबाजी की और पांच विकेट चटकाए। मेजबान टीम ने मुकाबला 203 रनों से अपने नाम किया।
अरुण ने दूसरे मैच से दो दिन पहले यहां संवाददाताओं से कहा, "दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में बेहतरीन बल्लेबाजी की। दूसरी पारी में शमी की गेंदबाजी को मदद मिली और फिर उन्होंने दमदार स्पेल की।"
अरुण ने कहा, "अगर आप देखेंगे कि कैसे डेन पिएडेट ने नौवें और आखिरी विकेट के लिए बल्लेबाजी की..यह उनके जुझारूपन को दर्शाता है। शमी ने दमदार स्पेल किया जो हमें मैच में वापस ले आया, नहीं तो परिस्थितियों को देखते हुए मुकाबला मुश्किल हो सकता था। हमें पता था कि हमें नतीजा पाने के लिए बहुत मेहनत करनी होगी। उस तरह के विकेट पर संयम रखना पड़ता है।"
उन्होंने यह भी कहा कि घरेलू क्रिकेट ने तेज गेंदबाजों को बेहतर होने में बहुत मदद की है।
अरुण ने कहा, "हमारे गेंदबाज रिवर्स स्विंग में अच्छे हैं, क्योंकि जब वह घरेलू क्रिकेट खेलते हैं तो विकेट सपाट होती है। आउटफील्ड भी उतनी बेहतरीन नहीं होती। ऐसी परिस्थिति में सफल होने के लिए उन्हें गेंद को रिवर्स स्विंग कराना आना चाहिए और ऐसे घरेलू क्रिकेट हमारे गेंदबाजों की बहुत मदद करता है।"
उन्होंने कहा, "किसी भी पिच पर तेज गेंदबाजों के पास मौका होता है बस शर्त है कि उनके पास जरूरी स्किल होनी चाहिए और हमारे गेंदबाजों ने पिछले कुछ वर्षो में घर पर और घर से बाहर बेहतरीन प्रदर्शन किया है। भारतीय पिचें कई बार स्पिन की सहायता करती हैं और ऐसे में वे रिवर्स स्विंग के लिए अधिक अनुकूल हो जाती हैं। हमारे सभी गेंदबाज रिवर्स स्विंग में काफी अच्छे हैं और यही कारण है कि हम इतने सफल हैं।"
अरुण ने कहा कि उनकी टीम किसी एक प्रकार के पिच की मांग नहीं करती।
उन्होंने कहा, "हम किसी एक प्रकार के पिच की मांग नहीं करते। हमारा लक्ष्य दुनिया की नंबर एक टीम बनना है और हमें जो भी विकेट मिलती है हम उसे स्वीकार कर लेते हैं। यहां तक कि जब हम विदेश जाते हैं, तब भी हम विकेट को कम देखते हैं।"