कराची: पाकिस्तान के पूर्व दागी कप्तान सलमान बट ने दावा किया है कि 2010 स्पॉट फिक्सिंग प्रकरण में पांच साल के प्रतिबंध की सजा काटने के बावजूद शाहिद अफरीदी ने 2016 विश्व टी20 के लिए राष्ट्रीय टीम में उनकी वापसी का रास्ता रोका। बट ने कहा कि 2015 में प्रतिबंध पूरा करने के बाद घरेलू क्रिकेट से जुड़कर वह भारत में हुई विश्व टी20 चैंपियनशिप की टीम में जगह बनाने के करीब थे लेकिन अफरीदी ने उनके चयन का विरोध किया।
बट ने मंगलवार रात जीटीवी समाचार चैनल के शो पर कहा, ‘‘मुख्य कोच वकार यूनिस और बल्लेबाजी कोच ग्रांट फ्लावर ने मुझे एनसीए बुलाया और मेरी फिटनेस देखने के लिए वे मुझे नेट्स पर ले गए। वकार भाई ने मुझसे पूछा कि क्या मैं पाकिस्तान के लिए दोबारा खेलने को लेकर मानसिक रूप से तैयार हूं और मैंने कहा कि हां, ऐसा है।’’
34 साल के बट ने कहा कि पाकिस्तान टीम में उनकी वापसी का रास्ता साफ हो रहा था लेकिन उस समय कप्तान अफरीदी ने उनकी वापसी का रास्ता रोक दिया। बट ने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि उसने ऐसा क्यों किया लेकिन मैंने इस बारे में उससे बात नहीं की। मुझे नहीं लगा कि यह सही होगा। लेकिन मुझे यह पता है कि वकार और फ्लावर ने मुझे कहा कि मैं विश्व कप खेल रहा हूं और इसके बाद अफरीदी ने रास्ता रोक दिया।’’
विश्व टी20 में पाकिस्तान का प्रदर्शन काफी खराब रहा जिसके बाद अफरीदी और वकार को इस्तीफा देना पड़ा।
टेस्ट सलामी बल्लेबाज बट ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि किसी खिलाड़ी को प्रतिबंध से लौट रहे खिलाड़ी के भविष्य पर फैसला करने का अधिकार मिलना चाहिए। बट और टीम के उनके साथियों मोहम्मद आसिफ और मोहम्मद आमिर को अगस्त 2010 में इंग्लैंड दौरे पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में पकड़ा गया था। तब लॉर्ड्स में पहले टेस्ट में हार के बाद अफरीदी के हटने पर बट को टेस्ट कप्तान बनाया गया था।
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