दिनेश कार्तिक ने ये पारी जीत के लिए नहीं एक मैसेज देने के लिए खेली!
भला हम ऐसा क्यों कह रहे हैं कि दिनेश कार्तिक ने ये पारी सिर्फ जीत के लिए नहीं खेली बल्कि उनकी इस पारी के पीछे एक बहुत बड़ा मैसेज छिपा हुआ है। तो चलिए हम आपके लिए इस बात का खुलासा कर ही देते हैं।
भारत और बांग्लादेश के बीच खेले गए सांस रोक देने वाले मैच में भारत ने आखिरी ओवर की आखिरी गेंद पर जीत दर्ज की। 18वें ओवर तक मैच भारत की पकड़ से निकलता दिख रहा था और टीम इंडिया को आखिरी दो ओवरों में 34 रन की जरूरत थी। पांडे के आउट होने के बाद कार्तिक ने क्रीज पर कदम रखा था। कार्तिक के सामने खुद को हीरो बनाने का मौका था और उन्होंने वे कर भी दिखाया। टीम इंडिया को आखिरी गेंद पर 5 रनों की दरकार थी और कार्तिन ने छक्का लगातार ट्रॉफी टीम इंडिया की झोली ने डाल दी।
अब आप सोच रहे होंगे कि जब मैच के हीरो दिनेश कार्तिक हैं तो भला हम ऐसा क्यों कह रहे हैं कि दिनेश कार्तिक ने ये पारी सिर्फ जीत के लिए नहीं खेली बल्कि उनकी इस पारी के पीछे एक बहुत बड़ा मैसेज छिपा हुआ है। तो चलिए हम आपके लिए इस बात का खुलासा कर ही देते हैं। दरअसल दिनेश कार्तिक बैटिंग ऑर्डर में ऊपर आना चाहते हैं लेकिन उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ फाइनल टी-20 मैच में सातवें नंबर पर भेजा गया था। कार्तिक को भले ही सिर्फ 2 ओवर खेलने को मिले लेकिन उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाया। कार्तिक को बिग हिटर नहीं माना जाता लेकिन फाइनल में उनकी पारी देखकर हर कोई उनकी तुलना धोनी से करने लगा था। कार्तिक कि ये पारी भारतीय टीम मैनेजमेंट के लिए मैसेज है कि वो बड़े बल्लेबाज हैं और बैंटिंग ऑर्डर में ऊपर भी अच्छी बल्लेबाजी कर सकते हैं।
खुद कप्तान रोहित ने खुलासा किया कि कार्तिक ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी के लिये नहीं भेजे जाने से नाखुश थे लेकिन भारतीय कप्तान ने उन्हें सातवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिये भेजने के फैसले का बचाव किया। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं आउट हुआ और डगआउट में बैठा था तो कार्तिक थोड़ा खफा था कि उसे छठे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये नहीं भेजा गया। लेकिन मैंने उससे कहा, मैं चाहता हूं कि आप हमारे लिये मैच का अंत करो, क्योंकि आपके कौशल की अंतिम तीन या चार ओवरों में जरूरत पड़ेगी। यही वजह थी कि उसे 13वें ओवर में मेरे आउट होने के बाद छठे नंबर पर बल्लेबाजी के लिये नहीं भेजा गया। वह इससे खफा था लेकिन मैच का सुखद अंत करके अब बहुत खुश हैं।’’