जानिए कैसे दिनेश कार्तिक ने विजय शंकर को सबसे बड़ा 'विलेन' बनने से बचाया?
दिनेश कार्तिक ने बांग्लादेश के खिलाफ 8 गेंदों में 29 रन बनाए थे।
निदाहास ट्रॉफी में भारत और बांग्लादेश के बीच खेले गए फाइनल मुकाबले में अगर टीम इंडिया को हार मिलती, तो इसकी सबसे बड़ी वजह युवा ऑलराउंडर विजय शंकर होते। अगर भारत हार जाता तो शंकर का अभी-अभी शुरू हुआ करियर खटाई में पड़ सकता था। वहीं, अगर टीम इंडिया को हार मिलती तो शंकर देश के सबसे बड़े विलेन बन जाते। लेकिन दिनेश कार्तिक ने शंकर को सबसे बड़ा विलेन बनने से बचा लिया। कार्तिक ने निचले क्रम में आकर बेहद आक्रामक बल्लेबाजी की और हारे हुए मैच का पासा पलट दिया।
कार्तिक की इस मैच जिताऊ पारी से इतनी खुशी उन्हें खुद नहीं हुई होगी जितनी की शंकर को हुई। साफ था कि शंकर भारत की हार के जिम्मेदार बनते जा रहे थे। शंकर ने मुस्ताफिजुर रहमान के 17वें ओवर में 5 गेंदें खाली छोड़ी थीं और इस दौरान वो लगातार गेंदों को छू भी नहीं पा रहे थे। शंकर की धीमी बल्लेबाजी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने 19 गेंदों में सिर्फ 17 रन बनाए थे।
शंकर की खराब बल्लेबाजी के कारण भारत पर दबाव बढ़ता ही जा रहा था और हर किसी को टीम इंडिया की हार तय नजर आने लगी थी। आलोचकों ने शंकर को अपने निशाने पर ले लिया और उनके करियर को लेकर तरह-तरह की बातें करने लगे। हालांकि जब कार्तिक ने क्रीज पर आकर ताबड़तोड़ बल्लेबाजी शुरू की, तब जाकर शंकर की जान में जान आई। कार्तिक ने सिर्फ 8 गेंदों में 29 रन बनाकर ना सिर्फ बांग्लादेश के मुंह से जीत छीन ली। बल्कि शंकर के करियर और उन्हें सबसे बड़ा विलेन बनने से भी बचा लिया।