साल 2004 में धोनी से साथ हुई पहली मुलाकात को दिनेश कार्तिक ने किया याद, कही ये बड़ी बात
टीम इंडिया के विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक ने धोनी के साथ पहली मुलाकात को याद किया है।
टीम इंडिया में जबसे साल 2004 में मह्रेंद्र सिंह धोनी ने कदम रखा उसके बाद बाकी भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाजों के लिए रास्ते बंद हो गए। धोनी ने ना सिर्फ अपनी आतिशी बल्लेबाजी से बल्कि बिजली की तरह तेज विकेटकीपिंग कला से भी सभी का दिल जीता। जिसके चलते कई विकेटकीपर बल्लेबाज जैसे कि पार्थिव पटेल, दिनेश कार्तिक, और रिद्धिमान साहा ये सभी हमेशा अन्य विकेटकीपर बल्लेबाज के तौर पर टीम से अंदर बाहर होते रहे। इस तरह धोनी के टीम इंडिया में होने का बावजूद लगतार खुद को घरेलू क्रिकेट में साबित कर टीम इंडिया के दरवाजे खटखटाने वाले दिनेश कार्तिक ने धोनी के साथ पहली मुलाकात को याद किया है।
स्टार स्पोर्ट्स के क्रिकेट कनेक्टेड शो में कार्तिक ने धोनी से हुई पहली मुलाकात के बारे में कहा, " साल 2003 और 2004 के करीब इंडिया ए के ज़िम्बाब्वे टूर पर पहली बार मैं उनके साथ गया था। वो काफी शांत और चिल लग रहे थे। इस तरह का चरित्र आपको भी काफी मदद प्रदान करता है।"
कार्तिक ने आगे कहा, " केवल अंतर ये है कि उनके इस समय सफ़ेद बाल ज्यादा हो गए हैं लेकिन वो आज भी उतने ही अंदर से शांत हैं। मैंने उन्हें कभी गुस्सा नहीं देखा और ना ही किसी और के उपर उन्हें अपना गुस्सा निकालते देखा है।"
वहीं हाल ही में जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान ततेंदा ताइबू ने कहा था कि मानसिक मजबूती महेन्द्र सिंह धोनी को उनके समकक्ष खिलाड़ियों से अलग बनाती है।
इस पूर्व विकेटकीपर-बल्लेबाज ने ‘स्पोर्ट्स रुलर यू-ट्यूब चैनल पर कहा, ‘‘मैंने धोनी को पहली बार तब देखा था जब वह भारत ए टीम के साथ आये थे। मुझे लगा कि कार्तिक, धोनी से ज्यादा स्वाभाविक है। कार्तिक विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी में अधिक स्वाभाविक लगते हैं।’’
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इतना ही नहीं उन्होंने धोनी की विकेटकीपिंग तकनीकी क्षमता का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘धोनी जब विकेटकीपिंग करते हैं तब भी उनका तरीका थोड़ा अलग होता है। आमतौर पर कीपिंग के समय विकेटकीपरों की दोनों हाथों कि छोटी अंगुली एक साथ रहती है लेकिन धोनी के साथ ऐसा नहीं है। लेकिन अलग तकनीक के बाद भी वह कैच पकड़ते है और पलक झपकते ही गिल्लियां बिखेर देते है।’’