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Hindi News खेल क्रिकेट धर्मशाला में सबसे बड़ी टक्कर लेकिन क्या है कोहली का धर्मसंकट

धर्मशाला में सबसे बड़ी टक्कर लेकिन क्या है कोहली का धर्मसंकट

नयी दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टेस्ट सिरीज़ में अब तक हुए तीन मैचों में स्पिनरों का बोलबाला रहा है और मेहमान टीम ने जिस तरह से रांची टेस्ट ड्रॉ करवाया वो क़ाबिल-ए-तारीफ़ है। स्पिनर्स भारत

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नयी दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ टेस्ट सिरीज़ में अब तक हुए तीन मैचों में स्पिनरों का बोलबाला रहा है और मेहमान टीम ने जिस तरह से रांची टेस्ट ड्रॉ करवाया वो क़ाबिल-ए-तारीफ़ है। स्पिनर्स भारत में टीम इंडिया की ताक़त रहे हैं लेकिन स्मिथ, रेनशॉ, मैक्सवेल और हैंड्सकॉंब ने जिस तरह से उनका सामना किया है उसे लेकर कोहली की चिंता समझी जा सकती है। अब उनके सामने प्रश्न ये है कि अगर धर्मशाला में फ़ास्ट विकेट मिलता है तो उनकी रणनीति क्या होगी। ऐसी स्थिति में मोहम्मद शमी को मौक़ा मिल सकता है बशर्ते वह फ़़िट हों।  

ग़ौरतलब है कि धर्मशाला के पिच क्यूरेटर ने संकेत दिया है कि ये इस पिच पर उछाल होगा और बॉल स्विंग भी होगी। शायद यही वजह है कि टीम इंडिया ने मोहम्मद शमी को बुलवा भेजा है। टीम में पहले से ही उमेश यादव, ईशांत शर्मा और भुवनेश्वर कुमार फ़ासट बॉलर हैं।

कोहली की परेशानी की एक वजह ये भी है कि अश्विन उतने मारक नहीं दिख रहे हैं जितनी उनमें क्षमता है। कहा तो ये भी जा रहा है कि अश्विन पर थकान हावी होने लगी है। अब अगर धर्मशाला में पिच फ़ास्ट और बाउंसी मिलती है तो कोहली को एक और फ़ास्ट बॉलर खिलाना पड़ेगा लेकिन ये सब जानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज़ स्पिनर्स की अपेक्षा फ़ास्ट बॉलरों के सामने ज़्यादा सहज होकर खेलते हैं।

बहरहाल, शमी तेज़ भारतीय बॉलरों में एक हैं लेकिन उन्होंने अपना आख़िरी मैच इंग्लैंड के ख़िलाफ़ मोहाली में चार महीने पहले खेला था। फिर उन्हें घुटने मे चोट लग गई थी। शमी ने गत सोमवार को विजय हज़ारे ट्रॉफी के पाइनल में बंगाल के लिए खेलते हुए 26 रन देकर चार विकेट लिए और उनकी रफ़्तार भी अच्छी थी इसलिए उनकी फ़िटनैस पर तो कोई संदेह नहीं होना चाहिये।

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रांची टेस्ट के पांचवे दिन भारतीय बॉलर्स क़िला भेदने में नाकाम रहे थे और कोहली ने संकेत दिया था कि शमी के नाम पर विचार हो सकता है। "हमने उन्हें मैच केलने भेजा, हम चाहते थे कि उन्हें मैच प्रैक्टिस मिले। मैंने सिलैक्टर्स से बात नहीं की है लेकिन उनके खेलने की काफी संभावना है।''

पहेल दो टेस्ट में जहां विकेट पत्तों की तरह गिरे वही रांची के सपाट विकेट पर पांच दिन में सिर्फ 25 विकेट ही गिरे। 

धर्मशाला के पिच क्यूरेटर सुनील चौहान के अनुसार इस पूरे रणजी सेशन में इस पिच पर फ़ास्ट बॉलरों को मदद मिली है। उन्होंने कहा, "ये पिच वैसे ही खेलेगी जैसे पहले खेलती रही है। इसमें रफ़्तार होगी और उछाल भी होगा। हमारी पिच बल्लेबाज़ों के लिए सबसे कठिन पिचों में से एक है।" 

लेकिन हम देख चुके हैं कि किस तरह पिच क्यूरेटरों के दावे ग़लत साबित हुए हैं। पुणे के पिच क्यूरेटर ने दावा किया था कि "बॉल उड़ेगी" लेकिन उड़ना तो दूर मैच के पहले दिन पहले ही ओवर में पिच टर्न लेने लगी थी। पिच रिपोर्ट में मैच रैफ़री क्रिस ब्रॉड ने इसे ख़राब बताया था। 

उधर ऑस्ट्रेलिया के सबसे दारदार गेंदबाज़ मिचल स्टार्क चोट की वजह से पहले ही घर लौट चुके हैं और रांची में जोश हैज़लवुड के साथ पैट कमिंस ने नयी बॉल संभाली थी। दोनों ने इस मैच में क्रमश: 44 और 39 ओवर डाले थे। अगर धर्मशाला पिच फा़स्ट बॉलरों के अनुकूल रहती है तो दोनों को और ओवर डालने होंगे। ऐसी स्थिति में जैक्सन बर्ड को भी मौक़ा मिल सकता है। कमिंस ने छह साल के बाद रांची में टेस्ट मैच खेला था और उन्हें तीन दिन बॉलिंग करनी पड़ी थी। अगर बर्ड को अपना सिरीज़ का अपना मैच खेलने का मौक़ा मिलता है तो हो सकता है कि नैथन लॉयन और ओ’कीफ़ में से एक को बाहर बैठना पड़े। 

चार मैच की टेस्ट सिरीज़ में दोनों टीमें 1-1 से बराबर हैं। चौथा और निर्णायक टेस्ट मैच शनिवार से शुरु हो रहा है।

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