क्या भारत पर ही लागू होती है खेल भावना? इयान बेल के रन आउट से हुआ था विवाद, अजहर अली पर सब खामोश
साल 2011 में भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए टेस्ट मैच में अजहर अली की तरह इयान बेल भी रन आउट हुए थे लेकिन उस मैच में दर्शकों के गुस्से और खेल भावना का सम्मान करते हुए टीम इंडिया ने बेल को दोबारा बल्लेबाजी के लिए बुला लिया था।
क्रिकेट के खेल में 'खेल भावना' बहुत अहमियत रखती है। यही वजह है कि इस खेल को जेंटलमेंस गेम भी कहा जाता है। टीम और खिलाड़ियों को यही सिखाया जाता है कि भले ही कुछ भी हो जाए लेकिन आपको खेल भावना के खिलाफ नहीं जाना। लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या खेल भावना का सम्मान सिर्फ भारत को ही करना चाहिए? क्या ये इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया या बाकी के मुल्कों पर लागू नहीं होता? अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर हम ये सवाल क्यों उठा रहे है? आखिर ऐसा हुआ क्या? तो हम आपको बता दें कि भले ही आपने अजहर अली के रन आउट को मजाकिया लहजे में ले लिया, लेकिन क्या ऑस्ट्रेलिया को खेल भावना का परिचय नहीं देना चाहिए था? क्या उन्हें अजहर अली को दोबारा बल्लेबाजी के लिए वापस बुलाकर दुनिया के सामने उदाहरण पेश नहीं करना चाहिए था कि हमारी टीम खेल भावना का सम्मान करती है? Also Read: अजहर अली ने अटपटे अंदाज में रन आउट होने के बाद कहा- मेरे बेटे सालों तक इस रन आउट के बारे में बात करेंगे
Highlights
- अजहर को रन आउट कर ऑस्ट्रेलिया ने दिखाया कि वो क्यों ऑस्ट्रेलिया है
- ऑस्ट्रेलिया अजहर को दोबारा खिलाकर कर सकता था मिसाल पेश
- ऑस्ट्रेलिया की बिगड़ी छवि को हो सकता था फायदा
सवाल ये भी है कि अगर ऑस्ट्रेलिया खेल भावना के खिलाफ नहीं गया तो साल 2011 में भारतीय टीम पर खेल भावना के खिलाफ जाने का आरोप क्यों लगा था? आइए सबसे पहले आपको बताते हैं कि साल 2011 में आखिर हुआ क्या था और उसका पाकिस्तान-ऑस्ट्रेलिया मैच से क्या ताल्लुक है?
इयान बेल का रन आउट विवाद: आज से ठीक 7 साल पहले भारतीय टीम इंग्लैंड दौरे पर थी और टेस्ट सीरीज खेल रही थी। ट्रेंट ब्रिज में दूसरे टेस्ट के तीसरे दिन इयान बेल शतक लगा चुके थे और अपनी टीम को मजबूत स्थिति में ले जा चुके थे। इस दौरान टी से पहले के आखिरी ओवर की आखिरी गेंद पर मॉर्न ने डीप स्क्वॉयर लेग पर शॉट खेला और प्रवीण कुमार गेंद को पकड़ नहीं सके और गेंद बाउंड्री की तरफ जाने लगी। दोनों बल्लेबाज दो रन ले चुके थे और तीसरे के लिए भी पलट आए और पिच के बीच में आकर मॉर्गन ने अपने हाथ बेल के कंधों पर रख लिए और दोनों पवेलियन की तरफ जाने लगे। इसके बाद प्रवीण ने गेंद को फील्ड कर अभिनव मुकुंद की तरफ थ्रो किया और उन्होंने बेल्स गिराकर रन आउट की अपील कर दी।
अंपायर ने भारतीय खिलाड़ियों से फिर से पूछा कि क्या वो अपील कर रहे हैं और इस पर टीम इंडिया ने 'हां' में जवाब दिया। इसके बाद अंपायों ने भारतीय टीम से तीन बार अपील को लेकर सवाल किया और तीनों बार भारत अपील पर कायम रहा। Also Read: Video: अजहर अली के बाद एक और रन आउट सुर्खियों में, पैर फिसलने की वजह से हो गया रन आउट
भारत के अपील पर बने रहने के बाद थर्ड अंपायर ने लगभग 8 मिनट तक रीप्ले देखने के बाद पाया कि गेंद बाउंड्री तक नहीं पहुंच पाई थी और स्क्रीन पर आउट लिखकर आ गया।
जैसे ही टीम इंडिया ड्रेसिंग रूम की तरफ लौटने लगी, वैसे ही दर्शकों ने चिल्लाना शुरू कर दिया और दर्शक भारतीय टीम से खासा नाराज आ रहे थे। मामला काफी बढ़ रहा था और ब्रेक के दौरान इंग्लैंड के कप्तान एंड्र्यू स्ट्रॉस और कोच एंडी प्लॉवर भारतीय टीम के ड्रेसिंग रूम में गए और टीम इंडिया से अपील वापस लेने को कहा।
इसके बाद धोनी ने कोच से बातचीत करने के बाद बेल को दाबारा खेलने देने का फैसला किया। ब्रेक के बाद बेल फिर से मैदान पर उचरे और जैसे ही बेल मैदान पर उतरे उन्हें देखकर दर्शकों ने तालियां बजानी शुरू कर दी। इस तरह से भारत ने आलोचना झेलने के बाद भी खेल भावना का परिचय दिया था।
अब बात अबू धाबी टेस्ट की करें तो क्या अजहर अली का रन आउट इयान बेल की तरह नजर नहीं आया। अजहर ने भी तो यही सोचा था कि गेंद ने बाउंड्री को छू लिया है और इसी वजह से वो अपने साथी खिलाड़ी से बात कर रहे थे। लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने किसी खेल भावना का परिचय नहीं दिया और उन्होंने अजहर को आउट कर दिया। ऐसे में सवाल उठने लाजमी हैं कि क्या ऑस्ट्रेलिया भी भारत की तरह अपनी अपील वापस लेकर अजहर को फिर से खेलने का मौका नहीं दे सकता था। अगर ऑस्ट्रेलिया ऐसा करता तो दक्षिण अफ्रीका में गेंद से छेड़ाछाड़ के कारण जो उनकी छवि बिगड़ी थी, वो फिर से सुधर सकती थी। लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने दिखाया कि वो क्यों ऑस्ट्रेलिया है।