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Hindi News खेल क्रिकेट आपकी अदालत में सहवाग ने कहा, धोनी ने मुझे टीम से नहीं निकलवाया

आपकी अदालत में सहवाग ने कहा, धोनी ने मुझे टीम से नहीं निकलवाया

नयी दिल्ली: हाल ही में अंतरराष्टीय क्रिकेट से सन्यास लेने वाले विस्फोटक बल्लेबाज़ सहवाग ने लंबे समय से चली आ रही इन अटकलों पर यह कहकर विराम लगा दिया कि टीम इंडिया से निकलवाने में

मेरी कप्तान या उप-कप्तान बनने में कोई दिलचस्पी नहीं थी

रजत शर्मा ने सहवाग का ध्यान जब पूर्व कोच ग्रेग चैपल के उस कॉलम की तरफ खींचा जिसमें उन्होंने लिखा था कि सहवाग और धोनी में अनबन इसलिए शुरु हुई थी क्योंकि सहवाग कप्तान बनना चाहता था, उन्होंने कहा: "आप इस बारे में धोनी से पूछ सकते हैं. हम 2007 में साथ खेले...ये कहना कि मैं कप्तान बनना चाहता था बिल्कुल ग़लत है। जब धोनी कप्तान बने मैं उनकी कप्तानी में खेला, हमने T20 World Cup जीता। और जब टेस्ट टीम के लिए चयन हो रहा था, मैंने साफतौर पर मुख्य चयनकर्ता(श्रीकांत) से कहा था कि मेरी कप्तान या उप-कप्तान बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है। मैंने उनसे कहा था कि वह जिसे चाहे उप-कप्तान बना दें। आप इस बारे में धोनी से पूछ सकते हैं।"

धोनी पर कटाक्ष नहीं किया,कप्‍तान के साथ टीम को क्रेडिट देने की बात कहीं थी

यह याद दिलाये जाने पर कि उन्होंने 6 जुलाई 2012 को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि हमने धोनी की वजह से नहीं बल्कि खिलाड़ियों के प्रदर्शन की वजह से विश्व कप जीता, सहवाग ने कहा: "अदालत में बैठे लोगों से पूछिए कि मेरा बयान ग़लत था या सही। मेरा बयान ग़लत नहीं था, उसे ग़लत तरीक़े से बताया गया या पेश किया गया। मैं धोनी पर कटाक्ष नहीं कर रहा था। सारा क्रेडिट आप कप्तान को ही मत दो, टीम को भी दो।“

सहवाग ने कहा: "रिकार्ड को देखें तो इसमें कोई शक़ नहीं कि धोनी अब तक के सबसे सर्वश्रेष्ठ कप्तान हैं। उन्होंने टेस्ट, ODIs  और T20 मैच जीते, दोनों विश्व कप जीते। लेकिन एक बंदे को क्रेडिट देना ठीक बात नहीं है, बाक़ी खिलाड़ियों को भी क्रेडिट दिया जाना चाहिये।"

रजत शर्मा के ये कहने पर कि कप्तान को भी कुछ क्रेडिट मिलना चाहिये, सहवाग ने कहा: "फिर उसे हार का भी क्रेडिट लेना चाहिये।"

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