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धोनी को द्रोर्णाचार्य मानकर रायुडू ने सीखा एकलव्य की तरह बैटिंग के गुर

हरारे: जिम्बाब्वे के खिलाफ शतकीय पारी खेलकर भारत की लाज बचाने वाले अंबाती रायुडू ने बैटिंग के गुर एकलव्य की तरह सीखे और उनके द्रोर्णाचार्य और कोई नहीं धोनी हैं। विषम परिस्तिथियों में शतक लगाकर

उन्होंने ने कहा , मैं आईपीएल में पिछले चार पांच साल से इस तरह के हालात में बल्लेबाजी कर रहा हूं । मैं भारतीय टीम का भी हिस्सा रहा हूं और धोनी भाई को इन हालात में खेलते देखा है ।

उन्होंने कहा , मैं देखता रहता हूं कि वह क्या करते हैं और कैसे दबाव पर काबू पाते हैं । आप बाहर रहकर भी काफी कुछ सीख सकते हैं और मुझे खुशी है कि जो कुछ मैने सीखा, मैं उस पर अमल कर पा रहा हूं ।

रायुडू ने कहा कि कल की उनकी पारी बहुत खास है । अब तक 30 वनडे में वह 45 . 55 की औसत से 911 रन बना चुके हैं जिसमें पांच अर्धशतक और दो शतक शामिल है ।

उन्होंने कहा , यह मेरी बेहतर पारियों में से थी । पांच विकेट गिरने के बाद इस तरह की पारी और खास थी । ऐसा लग रहा था कि हम जिम्बाब्वे में नहीं इंग्लैंड में खेल रहे हैं क्योंकि शुरू में गेंद काफी उछाल ले रही थी ।

रायुडू ने कहा , यह काफी संतोषजनक है क्योंकि हमने इसके दम पर मैच जीता । यह सराहनीय है कि हालात प्रतिकूल होने के बावजूद हम जीत सके । उम्मीद है कि आने वाले मैचों में हम टास जीतेंगे

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