टीम इंडिया के जय-वीरू कहलाते थे धोनी और रैना, दोस्ती पर कई बार उठे थे सवाल
धोनी ने जैसे सोशल मीडिया पर अपने संन्यास की जानकारी दी उसके थोड़ी देर बाद ही रैना ने भी इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर करते हुए क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और बाएं हाथ के बल्लेबाज सुरेश रैना ने एक साथ क्रिकेट को अलविदा कह दिया। धोनी पिछले साल इंग्लैंड में खेले गए विश्व कप में आखिरी बार भारतीय टीम के लिए मैदान पर उतरे थे और जबकि रैना भी लंबे समय से टीम से बाहर चल रहे थे।
धोनी ने जैसे सोशल मीडिया पर अपने संन्यास की जानकारी दी उसके थोड़ी देर बाद ही रैना ने भी इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर शेयर करते हुए क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी।
इसके साथ ही रैना ने लिखा, ''माही आपके साथ खेलना अच्छा था। पूरे दिल से गर्व के साथ, मैं आपकी इस यात्रा में शामिल होना चाहता हूं। थैंक यू इंडिया. जय हिन्द!''
आपको बता दें कि भारतीय टीम में धोनी और रैना एक साथ खेलने के साथ ही वे इंडियन प्रीमियर लीग में चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए भी साथ खेलते हैं। यही कारण है कि इन दोनों के बीच की दोस्ती को जय-वीरू की तरह मााना जाता है।
टीम इंडिया में इससे पहले भी कई ऐसी जोड़ियां हुई जिनकी दोस्ती के खूब चर्चे हुए लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ कोई भी दो साथी खिलाड़ियोंने एक ही दिन क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला लिया।
धोनी और रैना की दोस्ती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सीएसके के फैंस धोनी को थाला जबकि रैना को चिन्ना थाला कहकर पुकारते हैं। दक्षिण भारत में थाला का मतलब नेता या फिर नेतृत्वकर्ता होता है जबकि चिन्ना थाला का अर्थ उससे छोटा है।
तमिल शब्द थाला के कई अर्थ हैं, जैसे कि किसी दल का नेतृत्व करने वाला, विषम परिस्थितियों से लड़ कर सफलता को छूने वाला, वैसा व्यक्ति जो कि अपने सादेपन (सिम्पलीसिटी) के लिए जाना जाता हो इत्यादि। ऐसा में देखा जाए तो थाला शब्द का अर्थ धोनी के व्यक्तित्व से काफी मिलता जुलता है।
इसके अलावा क्रिकेट के मैदान पर भी इनकी दोस्ती खूब दिखती थी। खास तौर से मध्यक्रम में बल्लेबाजी के दौरान दोनों विकेट के बीच इतने तेज दौड़ते थे कि इनके बीच का तालमेल देखते ही बनता था।
हालांकि कई बार धोनी और रैना की दोस्ती को लेकर कुछ सवाल भी खड़े हुए। खास तौर से धोनी की कप्तानी में रैना को उस में भारतीय टीम में लगातार मौके मिले थे जब वह फॉर्म से बाहर चल रहे थे। उस दौरान यह कहा गया कि धोनी अपनी दोस्ती निभाने के लिए रैना को टीम में मौका दे रहे हैं।
इन छोटी-छोटी विवादों के अलावा धोनी और रैना की जोड़ी ने कई मौके पर टीम इंडिया को मुश्किल से उबारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और कई मैच भी जिताए। यही कारण है कि भारतीय क्रिकेट में धोनी और रैनी की दोस्ती को जय-वीरू की दोस्ती की तरह माना जाता है।
आपको बता दें कि जय-वीरू बॉलीवुड की सदाबहार फिल्म शोले के किरदार है जिसे अमिताभ बच्चन और धर्मेन्द्र ने निभाया था।