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धोनी ने हार पर भले कहा हो कि ‘वे नाराज़ नहीं निराश हैं। यह ऐसा मैच था जिसमें हमें बेहतर बैंटिंग करनी चाहिए थी। मैं जिम्मेदारी लेता हूं मुझे इनिंग्सि को आगे ले जाना चाहिए था। धोनी का यह बयान ही पूरी कहानी बयां करता है। इस हार का मतलब उनसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता। जीत टीम इंडिया ही नहीं कप्तातन धोनी के लिए भी बेहद जरूरी थी लेकिन धोनी (0) के डक शो ने रंग में भंग कर दिया। इसके बाद युवा खिलाडि़यों पर दबाव आ गया और पतझड़ का जो सिलसिला शुरु हुआ उसका परिणाम टीम इंडिया की हार के रूप में सामने आया।
क्या ग़ज़ब की बात है पहले तीन वनडे की हार का ठीकरा हमनें गेंदबाज़ों के सिर फोड़ा तो चौथे वनडे में बल्लेबाज़ बने विलैन जिसमें ख़ुद कप्तान धोनी भी शामिल है। अगर आप इस बात को और बेहतर समझना चाहते हैं तो ज़रा मैच के हीरो रहे केन रिचर्डसन की बात भी सुन लें, उन्होंने मैच के बाद कहा है कि ‘धोनी के विकेट ने खेल का पासा पलट दिया। रहाणे अनफिट थे और हमें पता था कि शिखर,विराट और धोनी का विकेट महत्वपूर्ण हैं। शेष बल्लेबाज़ों के पास अनुभव की कमी है। एक बार धोनी का विकेट गिरा तो खेल पूरी तरह पलट गया।“
कैसे बिखरी टीम इंडिया ताश की पत्तों की तरह, अगली स्लाइड में
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