बांग्लादेश के स्टार ऑलराउंडर शाकिब अल हसन को 2 साल के लिए आईसीसी ने निलंबित कर दिया है। इस निलंबन के बाद शाकिब ने पहली बार अपना पक्ष रखा है। आईसीसी के द्वारा निलंबन के फैसले के बाद शाकिब ने बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों के साथ 15 मिनट की बैठक की, जिसके बाद उन्होंने स्वीकार किया कि वह अपने किए पर शर्मिंदा हैं।
हालांकि शाकिब ने कहा कि इस मुश्किल घड़ी में बोर्ड ने जिस तरह से मेरा साथ दिया है मैं उसका शुक्रगुजार हूं। बोर्ड से अगर मुझे ऐसा ही समर्थन मिलता रहा तो मैं एक बार फिर से क्रिकेट में जोरदार वापसी करने के लिए तैयार हूं।
शाकिब ने कहा, "जिस तरह से बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड, फैंस, सरकार और मीडिया मेरे साथ खड़ा यह आश्चर्यजनक है। अगर फैंस और बीसीबी का मुझे इसी तरह से समर्थन मिलता रहा तो बैन के बाद मैं निश्चित रूप से क्रिकेट में दृढ़ता से वापस आऊंगा।"
उन्होंने कहा "मुझे दुख है कि मुझे एक ऐसे खेल से बैन किया गया है जिसे मैं सबसे अधिक प्यार करता हूं। लेकिन, आईसीसी और एसीएसयू ने मेरे लिए जो भी सजा तय की है मैं उसे स्वीकार कर रहा हूं। आईसीसी और एसीएसयू भ्रष्टाचार से बचने के लिए क्रिकेटरों के सहयोग पर भरोसा करते हैं, लेकिन मैं आईसीसी और एसीएसयू को ठीक से मदद नहीं कर सका। किसी भी अन्य खिलाड़ी की तरह, मैं भी चाहता हूं कि क्रिकेट भ्रष्टाचार से मुक्त हो और आने वाले क्रिकेटरों को भी भ्रष्टाचार से दूर रखने के लिए, मैं एसीएसयू के साथ सबसे अच्छा काम करूंगा। "
सटोरिये के पेशकश की जानकारी नहीं देने पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने बांग्लादेश के टेस्ट और टी20 कप्तान शाकिब अल हसन पर ये कार्रवाई की है। दो साल का प्रतिबंध लगने के बाद अब शाकिब तीन नवंबर से शुरू हो रहे भारत दौरे पर नहीं आ सकेंगे। शाकिब पर एक साल का पूर्ण प्रतिबंध और 12 महीने की अवधि का निलंबित प्रतिबंध लगाया गया है।
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