डैरेन सैमी ने माना, नस्लवाद एक बड़ा मुद्दा खुलकर होनी चाहिए चर्चा
अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद 'ब्लैक लाइव्स मैटर' को दुनिया भर से समर्थन मिल रहा है और साथ ही विभिन्न खेल हस्तियां भी इसे अपना समर्थन दे रही हैं।
नई दिल्ली| वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान डैरेन सैमी का मानना है कि नस्लवाद एक महत्वपूर्ण विषय है, जिसके बारे में बात करने और इस पर खुलकर चर्चा करने की जरूरत है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसे समाज के सभी क्षेत्रों से खत्म जा सके।
इस साल मई में अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद 'ब्लैक लाइव्स मैटर' को दुनिया भर से समर्थन मिल रहा है और साथ ही विभिन्न खेल हस्तियां भी इसे अपना समर्थन दे रही हैं।
'ब्लैक लाइव्स मैटर' आंदोलन के शुरू होने के बाद से ही सैमी क्रिकेट जगत से आंदोलन के लिए आगे आने और इस मुद्दे पर अपना समर्थन देने की बात कर रहे हैं।
सैमी ने कैरिबियन प्रीमियर लीग (सीपीएल) फ्रेंचाइजी सेंट लूसिया जाउक्स द्वारा आयोजित एक विशेष साक्षात्कार में आईएएनएस से कहा, "अगर मुझे कोई समस्या हुई है या मेरी टीम प्रभावित हुई है, तो मैं खड़ा होऊंगा और इसके बारे में बोलूंगा। कुछ लोग दूसरों की तरह बहादुर नहीं हैं और इसीलिए जो लोग हैं, उनके लिए आवाज बननी चाहिए, जो सख्त नहीं हो सकते हैं।"
उन्होंने कहा, " मुझे लगता है कि यह एक बड़े पैमाने पर और एक महत्वपूर्ण विषय है जिस पर चर्चा करने की जरूरत है क्योंकि यह संस्थागत या प्रणालीगत नस्लवाद के बारे में नहीं है। यह एक ऐसा मामला है, जहां लोगों के रंग को उन पर फेंके जाने वाले नस्लीय स्लर्स मिलते हैं। हमें इसे खत्म करने की कोशिश करने की जरूरत है क्योंकि हर इंसान समान व्यवहार करने का हकदार है।"
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पूर्व कप्तान ने आगे कहा कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को भ्रष्टाचार विरोधी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने के अलावा नस्लवाद के मुद्दों पर भी ध्यान देना चाहिए।
सैमी ने कहा, " मुझे लगता है कि इसके लिए कुछ शिक्षा होनी चाहिए। मैंने एक बार कहा था कि जिस तरह से आईसीसी भ्रष्टाचार-रोधी कार्यों पर जोर देती है,ठीक उसी तरह की ऊर्जा को उसे जातिवाद-विरोधी के लिए भी लगाया जाना चाहिए और खिलाड़ियों को नस्लवाद के बारे में शिक्षित करना चाहिए।"
सैमी ने आरोप लगाया था कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 2014 और 2015 सीजन में सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेलते हुए उन्हें अक्सर उनके साथी 'कालू' (काला) कहते थे।
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उन्होंने कहा कि इस नस्लवादी शब्द का मतलब उन्होंने हाल में ही समझा है। उन्होंने कहा कि वह इस बात से सहमत हैं कि फ्रेंचाइजी ने इस बारे में उनसे कभी कोई माफी भी नहीं मांगी।
सैमी ने कहा, "नहीं, मुझे नहीं लगता कि फ्रेंचाइजी की ओर से कोई माफी मांगी गई। मुझे नहीं लगता कि फ्रैंचाइजी ने इसे देखा भी था, लेकिन फिर वह उन पर निर्भर है। मेरे लिए यह एक ऐसी स्थिति है जिसे मैंने हल कर लिया है और जो मुझे जानते हैं, अगर कोई समस्या है, तो मैं इसके बारे में बात करने जा रहा हूं। लेकिन अब मैं अपने जीवन में आगे बढ़ चुका हूं।"
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पूर्व आलराउंडर ने कहा, "मैं एक अवश्वेत व्यक्ति हूं, जिस पर मुझे बहुत गर्व है। और ऐसा कोई तरीका नहीं है जिसके माध्यम से कोई भी इंसान मुझे दूसरे इंसानों की तुलना में कम गर्व महसूस करवा सके। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हमारे साथ उच्च स्तर का व्यवहार करें लेकिन काले लोगों के साथ बराबरी का व्यवहार करें। फिर भी नस्लवाद के खिलाफ हमें लड़ाई जारी रखना होगा।"