इस्लामाबाद: पाकिस्तान के एक अग्रणी समाचार पत्र के अनुसार जगमोहन डालमिया के निधन के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच संकट में चल रहा क्रिकेट संबंध और गहरा गया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष डालमिया का रविवार को कोलकाता के एक अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया।
समाचार पत्र 'डान' में मंगलवार को 'क्रिकेट विद इंडिया' शीर्षक से प्रकाशित संपादकीय में डालमिया को दूरद्रष्टा खेल प्रशासक बताते हुए कहा गया है कि डालमिया के निधन से संकट में चल रहा भारत-पाक क्रिकेट संबंध और गहरा गया है।
संपादकीय के अनुसार, "डालमिया एक दूरद्रष्टा थे और पाकिस्तान के आरिफ अब्बासी के साथ उन्होंने 1987 में पहली बार क्रिकेट विश्व कप को इंग्लैंड से बाहर निकाला। इसी वर्ष एन. श्रीनिवासन के विवाद में फंसने के बाद बीसीसीआई अध्यक्ष पद पर उनकी पुन: नियुक्ति को पाकिस्तान के नजरिए से सकारात्मक माना गया।"
संपादकीय में आगे कहा गया है, "बीसीसीआई जहां पाकिस्तान के साथ इसी वर्ष दिसंबर में प्रस्तावित द्विपक्षीय श्रृंखला के लिए भारतीय टीम को यूएई भेजना चाहता है। हालांकि नरेंद्र मोदी सरकार के कड़े पाकिस्तान विरोधी रुख के कारण बीसीसीआई इस श्रृंखला को नजरअंदाज कर रहा है। इसलिए इस द्विपक्षीय श्रृंखला को लेकर संदेह बना हुआ है।"
संपादकीय में आगे कहा गया है कि अंतत: पिछले हफ्ते पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष शहरयार खान अपना आपा खो बैठे और कहा कि पाकिस्तान को इस क्रिकेट श्रृंखला के लिए भारत के आगे हाथ फैलाने की जरूत नहीं है।
संपादकीय में इस बात पर निराशा व्यक्त की गई है कि भारत राजनीति और खेल को मिश्रित कर रहा है।
डॉन ने अपने संपादकीय में आगे कहा है, "सबसे निराशाजनक इस दिशा में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की ओर से किया गया निर्थक प्रयास रहा। इस दौरान आईसीसी भारत की इच्छाओं पर चलने वाली संस्था बनी रही और पाकिस्तान से किए अपने वादे से मुकरने के लिए बीसीसीआई पर किसी तरह का जुर्माना लगाने में असफल रही।"
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