गति और आक्रामकता से भरे थे पेसर डेल स्टेन, खत्म हुआ तेज गेंदबाजी का Golden Era!
2004 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रवेश करने वाले स्टेन ने क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में पांच सालों तक बादशाहत हासिल की थी।
जब भी कोई तेज गेंदबाज गेंद डालने के लिए रन-अप लेता है या लेती है, तब उसके आंखों में आग और विकेट की भूख साफ नजर आती है। कुछ खिलाड़ी स्टाइल में ऐसा करते हैं जबकि कुछ बल्लेबाज के दिमाग में डर पैदा करने के लिए ऐसा रवैया अपनाते हैं। डेल स्टेन भी दूसरी कैटेगरी के खिलाड़ी थे जिन्होंने लगभग एक दशक तक तेज गेंदबाजी में राज किया था।
2004 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रवेश करने वाले स्टेन ने क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में पांच सालों तक बादशाहत हासिल की थी। वे पांच सालों से ज्यादा समय के लिए दुनिया के नंबर-1 टेस्ट गेंदबाज रहे थे। हर तरह की परिस्थिति में विकेट लेने की प्रतिभा अनोखी थी। उन्होंने सही समय कर कई बार विकेट चटका कर अपने कप्तान ग्रीम स्मिथ की परेशानियों को हल किया करते थे।
उस दौर में साउथ अफ्रीका की टेस्ट टीम ने नौ सालों तक इस प्रारूप में अपना दबदबा बनाया हुआ था। इस मुकाम को हासिल करने में डेल स्टेन का एक बहुत बड़ा योगदान था। वे नई और पुरानी, दोनों तरह की गेंदों से घातक साबित होते थे। एशिया में उन्होंने 78 विकेट लिए थे जिससे साबित होता है कि वे किसी से कम नहीं थे। जहां पर स्पिनर्स का दबदबा भी हुआ करता था, वहां स्टेन अपनी लेट स्विंग मूवमेंट और पिनपॉइंट एक्यूरेसी से बल्लेबाजों को परेशान करते थे। उन्होंने साल 2008 में भारत के दौरे पर अहमदाबाद टेस्ट में 10 विकेट हॉल लेकर ये साबित कर दिया था कि वे एशियाई कंडीशंस में कितने भी कितने खतरनाक हैं। जब वे सचिन तेंदुलकर, माइकल क्लार्क और केविन पीटरसन को गेंद डालते थे तब पूरी दुनिया की निगाहें उन पर होती थीं।
2014 सीरीज में स्टेन और क्लार्क का बैंटर यादगार है। पीटरसन, जिन्हें बड़े शॉट्स खेलने के लिए जाना जाता है, वो भी लीड्स टेस्ट में साउथ अफ्रीकी पेसर के सामने बैकफुट पर आ जाते थे। स्टेन में वो क्वॉलिटी थी कि वे अपने पेस, स्विंग, बाउंस और सीम से बल्लेबाज को तंग कर सकें।
स्टेन ऐसे देश से ताल्लुक रखते हैं जहां से तमाम तेज गेंदबाज आते हैं। ये कहना गलत नहीं होगा कि स्टेन के कारण कई नामी पेसर जैसे आलन डॉनल्ड, शॉन पोल्लॉक, मखाया नतिनि और मॉर्न मॉर्कल को ओवरशैडो कर दिया। ऐसा उनकी विकेट के लिए भूख और आक्रामकता के कारण हुआ था। उन्होंने 93 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 439 विकेट लिए हैं, जो प्रोटीज के किसी भी खिलाड़ी के मुकाबले सबसे ज्यादा हैं।
साउथ अफ्रीका की महिला तेज गेंदबाज शबनिम इस्माइल ने स्टेन को देख कर तेज गेंदबाजी करने शुरू की थी। स्टेन उनके आइडल हैं। इस्माल दुनिया की सबसे तेज गेंदबाजी करने वाली महिला क्रिकेटर हैं। इस बात का श्रेय वे स्टेन को ही देती हैं। इस्माइल ने स्टेन के साथ अपनी पहली मुलाकात के बारे में कहा था, "मैं पहली बार क्रिकेट साउथ अफ्रीका अवॉर्ड्स में डेल स्टेन से मिली थी। मैं बहुत कुछ कहना चाहती थी लेकिन मुझे सिर्फ इतना याद है कि मैंने उनका कहा था, 'मैं आपकी बहुत बड़ी फैन हूं।'"
सिर्फ इस्माइल ही नहीं बल्कि कई खिलाड़ी डेन स्टेन को अपना प्रेरणाश्रोत मानते हैं।
2016 ऑस्ट्रेलिया दौरे पर स्टेन को गेंदबाजी करने में असहजता मसहूस होनो लगी थी। लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज किया और अपने कप्तान फाफ डु प्लेसिस के लिए गेंदबाजी की थी।
ICC Ranking : जो रूट बने टेस्ट के नंबर-1 बल्लेबाज, विराट कोहली को रैंकिंग में लगा झटका
गौरतलब है कि स्टेन ने मंगलवार (31 अगस्त) को क्रिकेट के हर प्रारूप से संन्यास की घोषणा कर दी थी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "जिस खेल से मैं सबसे ज्यादा प्यार करता हूं उससे आज संन्यास ले रहा हूं। बिटरस्वीट लेकिन आभारी हूं। सभी का शुक्रिया, परिवार से साथी खिलाड़ियों तक, पत्रकारों से फैंस तक, ये शानदार सफर रहा है।"
उनके करियर के साथ-साथ तेज गेंदबाजी का एक गोल्डन एरा भी खत्म हो गया।