सिनेमाघरों में राष्ट्रगान हो या न हो इसे लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है. सु्प्रीम कोर्ट ने साल भर पहले सिनेमाघरों में राष्ट्रगान को अनिवार्य कर दिया था लेकिन हाल ही में उसने अब केंद्र सरकार को कहा कि सिनेमाघरों व अन्य स्थानों पर राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य हो या नहीं ये वो तय करे. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि ये भी देखना चाहिए कि सिनेमाघर में लोग मनोरंजन के लिए जाते हैं. ऐसे में देशभक्ति का क्या पैमाना हो, इसके लिए कोई रेखा तय होनी चाहिए.
बहरहाल, सोशल मीडिया पर सामाजिक और राष्ट्रीय मुद्दों पर बेबाकी से राय रखने वाले क्रिकेटर गौतम गंभीर ने इस मसले पर अपनी राय रखी है. उन्होंने सिनेमाघरों में राष्ट्रगान की वकालत करते हुए तंज़ियो लहजे मे कहा- किसी क्लब के बाहर खड़े रहकर इंतज़ार करने का समय 20 मिनट. किसी पसंदीदा रेस्तरां के बाहर खड़े रहकर इंतज़ार करने का समय 30 मिनट. राषट्रगान के लिए खड़े होने का समय 52 सैकंड...मुश्किल है?
ग़ौरतलब है कि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश लागू रहेगा जिसमें सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाना अनिवार्य है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि लोग सिनेमाघर सिर्फ मनोरंजन के लिए जाते हैं. हम क्यों देशभक्ति को अपनी बांहों में रखें. ये सब मामले मनोरंजन के हैं.
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