कोरोनावायरस महामारी ने हर देश में वित्तीय संकट पैदा कर दिया है। इस महामारी से क्रिकेट बोर्ड को भी पैसों की मार झेलनी पड़ रही है। अगर इस साल भारतीय क्रिकेट टीम ऑस्ट्रेलिया का दौरा नहीं करती है तो ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड को वित्तीय संकट से बचने के लिए 5 हजार करोड़ डॉलर का लोन लेना पड़ सकता है। इस महामारी में पैदा हुआ वित्तीय संट से पार पाने के लिए अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपने सहयोगी स्टाफ के वेतन में कटौती करना शुरू कर दी है।
जी हां, इसका सबसे पहला प्रभाव अफगानिस्तान क्रिकेट के मुख्य कोच लांस क्लूसनर पर पड़ा है। अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने उनके वेतन में 25 प्रतिशतक की कटोती की है। वहीं अगर अफगानिस्तान का जून में जिम्बाब्वे दौरा नहीं हो पाता है तो वेतन में 50 प्रतिशत तक कटौती की जा सकती है।
एसीबी के मुख्य कार्यकारी लुत्फुल्लाह स्टेनिकजई ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से कहा,‘‘यह हमारी खर्चों में बचत करने की रणनीति का हिस्सा है क्योंकि कोविड-19 संकट का प्रभाव हम पर भी पड़ा है।’’
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उन्होंने कहा,‘‘हमने कोचों के वेतन में मई में 25 प्रतिशत कटौती करने का फैसला किया है। अगर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी नहीं होती तो जून में यह कटौती 50 प्रतिशत होगी। जब तक हमारी वित्तीय स्थिति हमें इजाजत देती है तब तक हम उन्हें पद पर बनाये रखेंगे।’’
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व आलराउंडर क्लूसनर के अलावा वेतन में कटौती का प्रभाव बल्लेबाजी कोच एच डी एकेरमैन और सहायक कोच नवरोज मंगल पर भी पड़ेगा।
रिपोर्ट के अनुसार एसीबी ने अपने सभी केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों को 2020 की पहली तिमाही का भुगतान कर दिया है लेकिन अगर जिम्बाब्वे के खिलाफ पांच टी20 मैचों की श्रृंखला नहीं होती है तो उनके वेतन ढांचे की समीक्षा की जा सकती है। अभी बोर्ड ने सीनियर टीम के 32 खिलाड़ियों और 55 घरेलू क्रिकेटरों को अनुबंध दे रखा है।
(With PTI Inputs)
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