इंग्लैंड क्रिकेट को स्टुअर्ट ब्रॉड और जोफ्रा आर्चर जैसे धाकड़ खिलाड़ी बना कर देने वाले उनके कोच स्टीफेन जोंस भारतीय क्रिकेट टीम के गेंदबाजी कोच बनना चाहते हैं। दुनिया की सबसे बड़ी इंडियन प्रीमीयर लीग में राजस्थान रॉयल्स के साथ बतौर गेंदबाजी कोच काम करने वाले स्टीफन का मानना है की अगर उन्हें मौका मिलता है तो वो एक बार भारतीय तेज गेंदबाजों के साथ काम करना जरूर पसंद करेंगे।
गौरतलब है की स्टीफेंस के पास भले ही अंतराष्ट्रीय मैच ना खेलने का अनुभव हो मगर इंग्लैंड के काउंटी क्रिकेट में उन्होंने 14 साल खेला है। जो की उन्हें गेंदबाजो कोच बनाने के लिए पर्याप्त है। ऐसे में 45 साल के हो चुके जोंस ने कहा कि वो 'स्ट्रेंथ और कंडिशनिंग कोच' की सभी जरुरतों को पूरा करने में सक्षम हैं।
हालांकि जोंस को अगर टीम इंडिया का गेंदबाजी कोच बनना है तो बहुत पापड़ बेलने पड़ेंगे क्योंकि वर्तमान में कहर बरपाती टीम इंडिया की गेंदबाजी के पीछे भरत अरुण अपना स्थान पक्का करके बैठे हुए हैं। उनके सानिध्य में टीम इंडिया के गेंदबाजों ने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया है। ऐसे में वेस्टइंडीज दौरे के बाद भरत अरुण का गेंदबाजी कोच पद लगभग पक्का माना जा रहा है।
जोंस ने मीडिया से कहा कि, 'कोचिंग के चार पहलू हैं - तकनीकी, सामरिक, शारीरिक और मानसिक। मैं उनमें से चारों को कवर कर सकता हूं। आधुनिक समय के क्रिकेट के साथ समस्या यह है कि अधिकांश कोच केवल खेलने के अनुभव पर निर्भर रहते हैं और यह इसका एक छोटा सा हिस्सा है।'
बता दें कि टीम इंडिया के वेस्टइंडीज दौर के बाद बीसीसीआई कोचिंग स्टाफ के लिए नए सिरे से चयन करेगी। जिसमें कोच को चुनने के लिए चयन समिति का अध्यक्ष कपिल देव, अंशुमान गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी को भी उनके साथ समिति में रखा गया है। ये तीनो टीम इंडिया के भविष्य के लिए कोच का चयन करेंगे। जिसकी प्रक्रिया सितम्बर माह में साउथ अफ्रीका के घरेलू दौरे से पहले पूरी होने की संभावना मानी जा रही है।
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