ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच एडिलेड में जारी टेस्ट मैच में चेतेश्वर पुजारा ने 123 रनों की शानदार पारी खेलकर पहले दिन भारत का स्कोर 250 तक पहुंचाया। पुजारा के अलावा टीम का कोई भी बल्लेबाज अर्धशतक तक नहीं बना सका। टीम के सलामी बल्लेबाज से लेकर किंग कोहली तक पहले टेस्ट की पहली इनिंग में फेल साबित हुए।
टेस्ट रैंकिंग में 6ठें स्थान पर मौजूद चेतेश्वर पुजारा का टेस्ट क्रिकेटर में यह 16वां, विदेश में 6ठा और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला शतक था। पुजारा ने अपनी इस दमदार पारी की मदद से टेस्ट क्रिकेट में 5000 रन भी पूरे किए। भारत के लिए पुजारा टेस्ट क्रिकेट ही खेलते हैं, पुजारा की टेकनीक और उनका धैर्य उन्हें टेस्ट क्रिकेट का बलवान खिलाड़ी बनाता है। पुजारा शॉट हवा में खेलने से ज्यादा ग्राउंडीड शॉट खेलना पसंद करते हैं, इस वजह से उन्हें आउट करने में गेंदबाजों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।
पुजारा को टेस्ट में बेस्ट कहने का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि 8 साल के टेस्ट करियर मेें पुजारा ने अभी तक मात्र 11 छक्के ही लगाए हैं। जी हां, सही पढ़ा। पुजारा ने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरु के मैदान पर अक्टूबर 2010 में किया था।
पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी टेस्ट मैच में 2 छक्के लगाए हैं। एशिया के बाहर उन्होंने लगभग 5 साल बाद पहले छक्का मारा है। पुजारा ने एशिया के बाहर अपना आखिरी छक्का न्यूजीलैंड के खिलाफ फरवरी 2014 में लगाया था। वहीं एशिया में उनके छक्कों की बाद करें तो उन्होंने एशिया में अपना आखिरी छक्का श्रीलंका के खिलाफ कोलंबो में अगस्त 2017 में लगाया था। ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले यही उनका आखिरी छक्का था।
बात अगर भारत में उनके आखिरी छक्के की करें तो पुजारा ने फरवरी 2017 में बांग्लादेश के खिलाफ हैदराबाद के मैदान पर अपना आखिरी छक्का लगाया था।
टी20 और वनडे क्रिकेट में भले ही छक्कों की बरसात करने वाले खिलाड़ी को बेस्ट कहा जाता है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट का असली किंग उसे ही कहा जाता है जो अपने धैर्य से बल्लेबाजी करें। टेस्ट में छक्के लगाने से ज्यादा क्रीज पर ज्यादा से ज्यादा समय बिताने वाले बल्लेबाज को बेस्ट माना जाता है। इस वजह से पुजारा टेस्ट में बेस्ट है।
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